कान्हा तुम तो भूल गए कान्हा तुम तो भूल गए, देते नहीं हो ध्यान। सूना वृंदावन हुआ, नहीं वंशी की तान।। गऊएं हुई उदास है, गोपी सब बेहाल। सखा पुकारें रात दिन, अब तो आओ पास।। माखन मिश्री साथ में, नहीं रहा वह स्वाद। हांथ धरो एक बार तुम, हो ...
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