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स्टार्टअप के फाउंडर्स ने ‘ठठेरा’ की याद दिलाकर हासिल की ऑल शॉर्क डील, मिला इतने करोड़ का निवेश

पीतल, तांबा और कांसे के बर्तन तैयार कर बेचने वाले स्टार्टअप पी-तल (P-TAL) को शॉर्क टैंक इंडिया में बड़ी डील मिली है। वैसे तो कार्यक्रम के दौरान कई शार्क इस स्टार्टअप के उत्पादों को लग्जरी कहते रहे पर आखिरकार सभी ने इसमें निवेश किया। स्टार्टअप के फाउंडर्स ने काफी मोलभाव के बाद 31.25 करोड़ रुपये के वैल्युएशन पर 3.2 फीसदी इक्विटी के बदले 1 करोड़ रुपये का निवेश हासिल कर लिया। P-TAL का पूरा नाम ‘पंजाब ठठेरा आर्ट लिगेसी’ है। P-TAL स्टार्टअप की शुरुआत आदित्य अग्रवाल, कीर्ति गोयल और गौरव गर्ग ने 2019 में की। श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स, दिल्ली में पढ़ाई के दौरान इसे एक प्रोजेक्ट के रूप शुरू किया गया था।

स्टार्टअप के फाउंडर्स ने बताया ‘ठ से ठठेरा’ का मतलब
कार्यक्रम के दौरान स्टार्टअप के फाउंडर्स ने ठठेरा शब्द का मतलब भी समझाया। ठठेरा एक ऐसी कम्युनिटी है, जो हाथों से बर्तन बनाती है। स्टार्टअप के फाउंडर्स ने कहा कि क्या खाना है, आज सिर्फ इसकी बात होती है, लेकिन किसमें पकाना है, इस पर चर्चा नहीं होती। पुराने जमाने में दादी-नानी कहा करती थीं कि पीतल में पकाओ, कांसे में खाओ और तांबे के बर्तन में पानी पीओ। इनमें बने खाने में 93 फीसदी पोषक तत्व सुरक्षित रहते हैं, जबकि सामान्य बर्तनों में यह आंकड़ा महज 13 फीसदी रह जाता है।

स्टार्टअप ने ठठेरों की कमाई बढ़ाने में दिया योगदान
P-TAL ने करीब 55 ऐसे ठठेरा परिवारों की मदद की है, जो पहले 2-3 हजार रुपये हर महीने कमाते थे, लेकिन आज इन परिवारों की आमदनी कम से कम 25 हजार रुपये महीना से लेकर 1 लाख रुपये है। यह परिवार अमृतसर से करीब 30-35 किलोमीटर दूर एक छोटे से शहर जंडियाला गुरुद्वारा में रहते हैं।

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