औरैया। राज्य सरकार की टीबी उन्मूलन कार्यक्रम की प्रतिबद्धता के फलस्वरूप हम लोग, सभी टीबी मरीजों को बेहतर और नियमित उपचार प्रदान करने और प्रदेश से टीबी के पूर्ण उन्मूलन हेतु मिशन मोड में कार्य कर रहें हैं। राज्य सरकार, सभी विभागों के बीच समन्वय बनाते हुए टीबी उन्मूलन कार्यक्रम को जनांदोलन का रूप दे रही है। उत्तर प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने आज ये उदगार, टीबी से सम्बंधित मीडिया संवेदीकरण कार्यशाला में, मीडिया सहयोगियों से संवाद करते हुए व्यक्त किये। इस कार्यक्रम में प्रदेश के अन्य जनपदों के मीडिया सहयोगी भी वर्चुअल रूप से जुड़े थे।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, उत्तर प्रदेश और ग्लोबल हेल्थ स्ट्रेटजीज संस्था के संयुक्त तत्वावधान में दिनांक 12 अगस्त को टीबी उन्मूलन कार्यक्रम से जुड़े हुए मुद्दों पर चर्चा करने, प्रदेश में टीबी उन्मूलन कार्यक्रम से सम्बंधित प्रयासों, टीबी मरीजों को प्राथमिकता से दी जा रही सेवाओं के बारे में विस्तृत जानकारी देने हेतु उत्तर प्रदेश के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह की अध्यक्षता में मीडिया कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री ने प्रदेश में सफलतापूर्वक संपन्न किये गए दस्तक अभियान के दौरान आशाओं द्वारा घर-घर जाकर टीबी मरीजों को भी चिन्हित किये जाने के बारे में बताया और इससे भी सूचित किया कि एक्टिव केस फाइंडिंग के अंतर्गत अतिरिक्त अभियान, जनवरी, मार्च और जुलाई 2021 के माध्यम से 19664 नए टीबी मरीज़ चिन्हित किये गए, जिन्हें समुचित एवं नि:शुल्क उपचार प्रदान किया जा रहा है।
निक्षय पोषण योजना के अंतर्गत प्रदेश में अब तक लाभार्थियों को कुल 228 करोड़ रुपये की धनराशि हस्तांतरित
उन्होंने यह भी बताया कि उत्तर प्रदेश की राज्यपाल से प्रेरणा लेकर प्रदेश में अब तक 18 वर्ष से कम उम्र के टीबी से ग्रसित 25000 बच्चों को गोद लिया गया है और इन सबको विभिन्न संस्थाओं/अधिकारियों द्वारा पुष्ठाहार एवं उनके परिजनों को भावनात्मक एवं सामाजिक सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। टीबी उन्मूलन कार्यक्रम को गति प्रदान करने के लिए प्रदेश के 22 जनपदों में निजी सेवा प्रदाताओं के माध्यम से टीबी उन्मूलन कार्यक्रमों के अंतर्गत गतिविधियों को सम्पादित किया जायेगा, अगले कुछ महीनों में ये कार्यक्रम प्रारंभ किया जा रहा है। उन्होंने, यह भी बताया कि पंचायती राज विभाग द्वारा विकसित किये जा रहे प्रशिक्षण मोडुयूल के माध्यम से भी ग्राम प्रधानों को टीबी विषय पर सारगर्भित जानकारियाँ दी जायेगी जिससे, नि:संदेह समुदाय के हर स्तर पर इससे जुडी महत्वपूर्ण जानकारियां पहुंचेगी।
इसके साथ ही स्वास्थ्य मंत्री ने जानकारी दी कि न्यू इंडिया@75 कार्यक्रम के अंतर्गत प्रदेश के 25 जनपदों के सरकारी स्कूलों एवं विद्यालयों के किशोरों और युवाओं में टीबी के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए रेड रिबन क्लब के सहयोग से चरणबद्ध तरीके से 3 चरणों में गतिविधियाँ संचालित की जा रही हैं। इसके साथ ही, दिनांक 1 अप्रैल 2018 से लागू की गयी निक्षय पोषण योजना के अंतर्गत प्रदेश में अब तक लाभार्थियों को कुल 228 करोड़ रुपये की धनराशि हस्तांतरित की जा चुकी है।
कार्यक्रम के बढ़ते क्रम में निदेशक राष्ट्रीय कार्यक्रम, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा निदेशालय, उत्तर प्रदेश डॉ. ज्योति सक्सेना ने कहा, प्रदेश सरकार के दिशा-निर्देश के अनुसार स्वास्थ्य विभाग टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के सफल किर्यन्वयन के लिए समन्वयित एवं सार्थक प्रयास किये जा रहें हैं। हमें आशा ही नहीं पूरा विश्वास है कि वर्ष 2025 तक प्रदेश से टीबी का समूल उन्मूलन होगा। प्रदेश सरकार द्वरा टीबी उन्मूलन कार्यक्रम की प्रतिबद्धता के फलस्वरूप, टीबी उन्मूलन कार्यक्रम को भी दस्तक अभियान (संचारी रोग नियंत्रण कार्यक्रम) में जोड़ा गया, जिसके कारण 1 जुलाई से 25 जुलाई तक प्रदेश के 75 जनपदों में चलाये गए दस्तक अभियान में आशाओं एवं आंगनवाड़ी द्वारा घर-घर जाकर टीबी मरीजों को भी चिन्हित किया गया।
राज्य क्षय नियंत्रण अधिकारी, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, उत्तर प्रदेश, डॉ. संतोष गुप्ता ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग टीबी मरीजों हेतु नि:शुल्क सेवाएँ उपलब्ध कराने हेतु अथक प्रयास कर रही है, और जैसा कि स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि प्रदेश के 22 जनपदों में निजी सेवा प्रदाताओं के माध्यम से टीबी उन्मूलन कार्यक्रमों से सम्बंधित गतिविधियाँ संचालित की जायेगी, इससे, निश्चित ही टीबी का प्रदेश से शीघ्र उन्मूलन होगा। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय स्तर पर, प्रदेश स्तर पर और जनपद स्तर पर कोविड की चुनौती के साथ ही टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के लिए तत्परता से कार्य किया जा रहा है।वर्ष 2020 में टीबी मरीजों की कुल 3.66 लाख अधिसूचनाएं दर्ज हुई थीं, जिनमें 2.42 लाख सरकारी क्षेत्र से और 1.24 लाख निजी क्षेत्र से थीं। इसके सापेक्ष वर्ष 2021 में अभी तक कुल 2.54 टीबी मरीजों की सूचनाएं निक्षय पोर्टल पर पंजीकृत की गयीं हैं और इन सब मरीजों का नि:शुल्क उपचार किया जा रहा है | इन सभी पंजीकृत मरीजों को प्रत्येक माह, सरकार द्वारा दी जाने वाली पोषण प्रोत्साहन राशि के रूप में 500 रुपये उनके खाते में सीधे जमा करवाए जा रहें हैं | शीघ्र ही प्रदेश में, टीबी प्रिवेंटिव थेरेपी की शुरुआत की जायेगी।
कार्यक्रम में उपस्थित राज्य टीबी उन्मूलन टास्क फ़ोर्स के अध्यक्ष एवं रेस्पिरेटरी मेडिसिन, के जी एम यू के विभागाध्यक्ष प्रोफ. सूर्यकान्त ने प्रदेश में टीबी उन्मूलन के लिए प्राथमिकता से किये जा रहे प्रयासों को चिन्हित करते हुए कहा कि टीबी उन्मूलन के लिए समन्वयित तरीके से कार्य किया जा रहा है और इस बात पर विशेष ध्यान केन्द्रित किया जा रहा है कि समुदाय के प्रत्येक स्तर तक सामाजिक मानकों को चिन्हित किया जा सके जैसे; खाद्य असुरक्षा, कुपोषण, जीवन शैली, सामाजिक-आर्थिक बाधाएं आदि | इन समस्यायों के समाधान से टीबी उन्मूलन कार्यक्रम अवश्य सफल होगा। पत्रकारों से संवाद के दौरान वरिष्ठ पत्रकार शरत प्रधान ने कहा, सरकार द्वारा चलाये जा रहे सभी कार्यक्रमों में मीडिया के माध्यम से लोगों तक पहुँचने वाले संदेशों का बहुत प्रभाव होता है और मैं आप सब से अनुरोध करता हूँ कि टीबी से जुडी हुई भ्रांतियों को अपने लेखन से दूर कीजिये, लोगों को बताईये कि डॉक्टरों की सलाह के अनुसार नियमित दवा खाने से टीबी पूरी तरह ठीक होने वाली बीमारी है। आपके द्वरा समाचारों के माध्यम से टीबी से सम्बंधित महत्वपूर्ण सन्देश लोगों को अवश्य प्रेरित करेंगे और नि:संदेह टीबी उन्मूलन कार्यक्रम जनांदोलन का रूप लेगा। कार्यशाला में, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवा निदेशालय, उत्तर प्रदेश के अधिकारियों के अलावा विश्व स्वास्थ्य संगठन, पाथ, ग्लोबल हेल्थ स्ट्रेटजीज एवं सीफार संस्था के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे।
रिपोर्ट-शिव प्रताप सिंह सेंगर