लखनऊ। लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी सुनील सिंह ने किसानों की हत्या और किसानों द्वारा आत्महत्या में हो रही वृद्धि पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री के ‘नए भारत’ में किसानों की हालत बद से बदतर होती जा रही है। कहीं पर गृह राज्यमंत्री का बेटा किसानों को अपनी गाड़ी के नीचे रौंदकर मार डाल रहा है, तो कहीं पर किसान खुद आत्महत्या करने पर मजबूर हैं। किसानों में भी उन किसानों के हालात और भी खराब है जो खेतिहर मज़दूर हैं।
नेशनल क्राइम रिकार्ड्स ब्यूरो (एनसीआरबी) की नई रिपोर्ट के अनुसार पिछले एक साल में खेतिहर मजदूरों के आत्महत्या मामलों में 18 फीसदी का इज़ाफ़ा हुआ है। पिछले 11 महीने से किसान तीन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। सरकार तो इन्हें किसान मानने से भी इंकार कर दे रहे हैं। क्या सरकार किसानों और खेतिहर मज़दूरों की आत्महत्या पर एनसीआरबी की रिपोर्ट को भी सच मानने से इंकार करने में लगी हुई है? तुम बेचो हम खरीदने की नीति रखने वाली सरकार को सत्ता से बाहर दिखाने के लिए जनता इंतजार कर रही है सिंह ने कहा कि सरकार के मंत्री अपने मुंह मियां मिट्ठू बनने का काम हमेशा करते आए हैं।
साल 2014 के बाद देश के विकास के कई बड़े-बड़े दावे किए गए हैं। लेकिन सच्चाई यह है कि आज देश में महंगाई, बेरोजगारी और गरीबी बढ़ गई है।वहीँ देश की अर्थव्यवस्था निचले स्तर पर जा पहुंची है। साल 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए गए सभी दावे झूठे साबित हो चुके हैं।
देश के गृह मंत्री अमित शाह लखनऊ में कहा है कि आजादी के बाद अगर कोई सफल से सफल प्रधानमंत्री है तो वह नरेंद्र मोदी हैं। उन्हें यह बात कह कर अपने ही पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का अपमान नहीं करना चाहिए।
देश के पढ़े लिखे युवाओं के पास रोजगार नहीं है रोजगार मुहैया कराने के बजाय झूठे आंकड़े देने में लगे हुए हैं देश के युवा डिग्री लेकर घूम रहे हैं।