प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फिट इंडिया अभियान की व्यापक अवधारणा है। योग से लेकर चिकित्सा तक सभी इसमें समाहित है। दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना आयुष्मान के शुभारंभ का श्रेय भी नरेंद्र मोदी को है। राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल भी इस संबन्ध में लोगों को जागरूक करती रही है।
उन्होंने कहा कि टीबी रोग की गम्भीरता कर दृष्टिगत प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने 2025 तक देश को इससे मुक्त बनाने का लक्ष्य रखा है। सस्टेनेबल डेवलपमेन्ट गोल के अन्तर्गत इस बीमारी को दुनिया से 2030 तक समाप्त किया जाना है। फिर भी एकजुट प्रयास से प्रधानमंत्री द्वारा निर्धारित लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है।
पहले था असाध्य
आनंदीबेन पटेल ने उत्तर प्रदेश स्टेट टीबी सेल तथा किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय, लखनऊ के संयुक्त तत्वावधान में 17 से 24 मार्च तक टीबी जागरूकता सप्ताह’ के अवसर पर आयोजित संगोष्ठी को सम्बोधित किया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार का आयोजन किया जाना सराहनीय है। इससे समाज में जागरूकता उत्पन्न होती है।
उन्होंने कहा कि एक समय था जब टीबी रोग को असाध्य रोगों की श्रेणी में गिना जाता था। चिकित्सा विज्ञान ने आज बहुत प्रगति की है और अनुसंधान के फलस्वरूप अब यह बीमारी असाध्य नहीं रह गयी। इसका पूरी तरह से उपचार किया जा सकता है। क्षय रोग फैलने का सबसे बड़ा कारण इस बीमारी के प्रति लोगों में जानकारी का अभाव है।
जिम्मेदारी का निर्वाह
राज्यपाल ने आह्वान किया कि प्रशासनिक अधिकारी,शैक्षिक संस्थान, स्वयं सेवी संस्थायें तथा उद्योगपति आदि अठारह वर्ष से कम उम्र के क्षय रोग से ग्रसित बच्चों को गोद लें और उनकी विशेष देखभाल करें ताकि ये बच्चे पूर्णतया रोग मुक्त होकर भविष्य में राष्ट्र के योगदान में अपना पूरा योगदान कर सकें।
उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि अब तक प्रदेश में लगभग पच्चीस हजार से अधिक क्षय रोग से ग्रस्त बच्चों को गोद लिया जा चुका है तथा इनको संस्थाओं एवं अधिकारियों द्वारा पुष्टाहार एवं उनके परिजनों को भावनात्मक एवं सामाजिक सहायता उपलब्ध करायी जा रही है। इनमें से अब अधिकांश बच्चे स्वस्थ भी हो चुके हैं। इस अवसर पर केजीएमयू के रेस्परेटरी मेडिसिन विभाग द्वारा क्षय रोग से ग्रस्त बाइस बच्चों को गोद लिया गया। गोद लिये गये बच्चों ने राज्यपाल ने फल, मिठाई, गुड़, चना आदि वितरित किया।
40 प्रतिशत लोगों बैक्टीरिया
कुलपति लेफ्टीनेंट जनरल डाॅ बिपिन पुरी ने कहा कि देश के चालीस प्रतिशत लोगों में क्षय रोग का बैक्टीरिया पाया जाता है लेकिन कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले व्यक्ति को ही तीव्र गति से प्रभावित करता है। उन्होंने कहा कि इससे बचने के लिए हर किसी को रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की आवश्यकता होती है। इस अवसर पर रेस्पाइरेटरी मेडिसिन के विभागाध्यक्ष एवं स्टेट टास्क फोर्स क्षय उन्मूलन के चेयरमैन डाॅ सूर्यकांत, विश्वविद्यालय के प्रो कुलपति प्रोफेसर विनीत शर्मा एवं स्टेट टीबी ऑफिसर डाॅ संतोष गुप्ता सहित अन्य लोग भी उपस्थित थे।