उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने 25000 होमगार्डों को बर्खास्त करने का फैसला वापस ले लिया है. गृह विभाग ने गुरुवार को आदेश जारी करके होमगार्डों की सेवाओं को बहाल कर दिया. अगले आदेश तक होमार्डों की सेवाएं जारी रहेगी.
होमगार्डो को भी पुलिस कांस्टेबल के बराबर वेतन देने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश की वजह से दबाव झेल रही योगी आदित्यनाथ सरकार ने उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग में तैनात 25,000 होमगार्डो की सेवा समाप्त कर दी थी.
प्रशासन की ओर से जारी आदेश में कहा गया था कि 25,000 होमगार्डो को उनके दायित्वों से मुक्त कर दिया गया है. अतिरिक्त महानिदेशक(एडीजी) बीपी जोगदंड ने आदेश जारी करते हुए कहा था कि 5,000 होमगार्ड की सेवा समाप्त करने का निर्णय इस वर्ष 28 अगस्त को उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली बैठक में लिया गया था.
अगर यह फैसला लागू हो गया होता तो हजारों होमगार्डों को नियमित रोजगार से भी हाथ धोना होगा, क्योंकि राज्य सरकार ने रिपोर्ट करने के लिए दिनों की संख्या 25 से घटाकर 15 कर दी है.
राज्य सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि वित्तीय तंगी की वजह से यह निर्णय लिया गया. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में उत्तर प्रदेश होम गार्डो के रोजाना भत्ते को प्रदेश के पुलिस कांस्टेबल के बराबर करने का आदेश दिया था.
उत्तर प्रदेश में ज्यादातर होमगार्डो को ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम के लिए तैनात किया जाता है, राज्य सरकार के इस कदम के बाद ट्रैफिक व्यवस्था को संभालने में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता था. गृह विभाग ने एक साल पहले पुलिस विभाग में रिक्तियों को भरने के लिए 25,000 होमगार्डो की नियुक्ति की थी.
होमगार्डो को पहले 500 रुपये का रोजाना भत्ता मिलता था, जिसे सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद 672 रुपये कर दिया गया था. माना जा रहा है कि इससे उत्तर प्रदेश पुलिस के बजट पर असर पड़ रहा था. होमगाडरें की माहवार कोई तय मासिक तनख्वाह नहीं होती है और ड्यूटी के दिनों के आधार पर मानदेय दिया जाता है.