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प्ले-स्टोर से हटाए ये 10 भारतीय मोबाइल ऐप, केंद्र ने अपनाया कड़ा रुख, देखें पूरी लिस्ट

• गूगल पर केंद्र का रुख सख्त

Google ने भारत में बड़ी कार्रवाई करते हुए 10 भारतीय ऐप्स को अपने प्ले-स्टोर से हटा दिया है। गूगल ने यह कार्रवाई शुल्क विवाद को लेकर की है। गूगल ने अपने एक बयान में कहा कि इन ऐप्स के डेवलपर्स बिलिंग पॉलिसी को नहीं मान रहे थे। कई बार इन्हें चेतावनी दी गई थी और उसके बाद यह कार्रवाई हुई है।

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हालांकि गूगल की ओर से प्ले स्टोर से भारतीय ऐप हटाने के मामले में भारत सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि भारतीय ऐप को ऐसे हटाने की इजाजत नहीं दी जा सकती है। उन्होंने कहा, स्टार्टअप इको-सिस्टम भारतीय अर्थव्यवस्था की कुंजी है और इनके भाग्य का फैसला किसी टेक कम्पनी पर नहीं छोड़ा जा सकता है। भारत सरकार की नीति बहुत स्पष्ट है, हमारे स्टार्टअप को वह सुरक्षा मिलेगी, जिसकी उन्हें जरूरत है।

कौन-कौन से एप हैं शामिल?

गूगल ने जिन एप्स को प्ले-स्टोर से हटाया है उनमें Shaadi.com, Matrimony.com, Bharat Matrimony, Naukri.com, 99acres, Kuku FM, Stage, Alt Balaji’s (Altt), QuackQuack जैसे एप्स के नाम शामिल हैं। एक एप्स का नाम अभी सामने नहीं आया है।

गूगल ने कहा कि दो लाख से अधिक भारतीय डेवलपर्स गूगल प्ले-स्टोर का इस्तेमाल कर रहे हैं और उनके एप्स प्ले-स्टोर पर पब्लिश्ड हैं। सभी डेवलपर्स के लिए एक ही पॉलिसी है लेकिन कुछ डेवलपर्स इसे मानने के लिए तैयार ही नहीं हैं। गूगल ने यहां तक कहा है कि जिन एप्स को प्ले-स्टोर से हटाया गया है वे दूसरे एप-स्टोर की पॉलिसी तो मान रहे हैं लेकिन गूगल की पॉलिसी से उन्हें दिक्कत है।

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Google के मुताबिक उसने इन एप्स को तीन साल का समय भी दिया था। बता दें कि शुल्क विवाद लंबे समय से चल रहा है। इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में भी अपील की गई थी लेकिन 9 फरवरी 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दखल देने से इनकार कर दिया। गूगल ने कहा कि तीन साल में किसी अदालत ने भी उसकी शुल्क की पॉलिसी को लेकर सवाल नहीं खड़े किए। बावजूद इसके कुछ डेवलपर्स पॉलिसी को स्वीकार नहीं कर रहे हैं।

गूगल ने दिए ऑप्शन

गूगल ने कहा है कि डेवलपर्स अपने पेड कंटेंट के लिए गूगल प्ले-स्टोर के अलावा किसी अन्य एप स्टोर से पेमेंट ले सकते हैं या फिर खुद अपनी साइट से ही पेमेंट ले सकते हैं, लेकिन यदि गूगल प्ले-स्टोर पर एप है और वह पेड सर्विस दे रहा है तो गूगल को पैसे देने होंगे।

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