Breaking News

योग पर अमल का समय

रिपोर्ट-डॉ. दिलीप अग्निहोत्री

योग में मानव मात्र के कल्याण का भाव समाहित है। यह दुनिया के लिए भारत की सौगात है। पिछले कई वर्षों से अंतरराष्ट्रीय योग दिवस भी आयोजित किया जा रहा है। योग करने से जीवन मे संतुलन स्थापित होता है। नकारात्मक विचारों का निवारण होता है,उसकी जगह सकारात्मक विचारों का प्रादुर्भाव होता है।

योग तनाव और मन से नकारात्‍मक विचारों को दूर करने का कारगर माध्यम है। दिनचार्य में योग और प्राणायाम का समावेश होना चाहिए। इससे तन मन दोनों को ऊर्जा प्राप्त होती है। इसी को ध्यान में रखकर लखनऊ विश्वविद्यालय के अभियांत्रिकी संकाय के ट्रेंनिंग एंड प्लेसमेंट सेल ने पहल की है। छात्रों के लिए कोविड नाइन्टीन के समय कैसे रखें खुद को तनाव मुक्त” विषय पर वेबीनार का आयोजन डॉ हिमांशु पांडेय द्वारा किया गया।

लाइफ कोच, कॉरपोरेट ट्रेनर एंड स्ट्रेस काउंसल डॉ राजलक्ष्मी ने छात्रों का मार्गदर्शन किया। कहा कि कोरोना व लॉक डाउन में पूरा माहौल बदल गया है। शिक्षण संस्थान बंद हो गए है। बाहर नहीं जाना है। दोस्तों व रिश्तेदारों से भी दूर हैं। दिनभर कोरोना वायरस की खबर व चर्चा के बीच, एक बंद कमरे में अनिश्चित भविष्य के बारे में सोचकर छात्रों को मानसिक तनाव से गुजरना पड़ रहा है। कोरोना वायरस से संक्रमित होने का डर, क्लासरूम लेक्चर न होने के कारण पढ़ाई में अच्छे प्रदर्शन की अनिश्चितता और लॉकडाउन के कारण आया अकेलापन हो सकता है।

इससे तनाव की स्थिति बन सकती है। उन्होने कहा कि सामान्य तनाव हमें आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहन देता है। लेकिन ज़्यादा तनाव का असर शरीर, दिमाग़, भावनाओं और व्यवहार पर पड़ता है। कोरोना को लेकर अनिश्चितता और उलझन है। इस नकारात्मक माहौल में तनाव से बाहर आने के लिए सकारात्मक सोच के साथ एक स्वस्थ जीवन शैली बनाए रखना आवश्यक है। पर्याप्त आहार,नींद,व्यायाम और सामाजिक संपर्कों सहित घर पर प्रियजनों के साथ और फोन पर दोस्तो के साथ समय व्यतीत करना चाहिए। उन्होंने छात्रों को पढ़ाई के साथ अपनी स्लीप साइकिल को भी नियमित रूप से नियंत्रित करने का सुझाव दिया। क्योंकि अच्छी निद्रा से इंसान हमेशा तनाव मुक्त रहता है।

छात्र अपने पुराने बायलॉजिकल शेड्यूल के अनुसार दिनचर्या को घर में चलाने का प्रयास करें। ज़बरदस्ती अपने लिए नया शेड्यूल और काम तय ना करें। अपने को बदली हुई परिस्थितियों में एडजस्ट होने का समय दें। उन्होंने बताया कि लोग हमेशा शिकायत करते थे कि उन्हें योगा या मेडिटेशन नही करने का समय नहीं मिलता। इसी प्रकार बागवानी का, खाना बनाने का, डांस जैसी अनेक अभिरुचियों के लिए भी समय का अभाव रहता है। लेकिन लॉक डाउन ने इस चुनौतीपूर्ण समय में अपने को उन मनपसंदीदा कार्य एवं स्किल्स मे संलग्न करने का वक्त दिया है। जिनकी मदद से हम अपनी भावनाओं को प्रबंधित कर सुख और शांति की अनुभूति कर सकते है।

About Samar Saleel

Check Also

शाहजहांपुर के मिर्जापुर में उमड़ी किसानों की भीड़, पुलिस ने कराया वितरण

शाहजहांपुर के मिर्जापुर स्थित साधन सहकारी समिति में गुरुवार को सुबह से ही खाद का ...