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उन्नाव : बाल विवाह के आरोप में 19 के खिलाफ मुकदमा

उन्नाव। जनपद के सोहरामऊ क्षेत्र में एक नाबालिग लड़की के विवाह का मामला प्रकाश में आने के बाद पुलिस ने 19 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। एक गैर सरकारी संस्था बचपन बचाओ आंदोलन (बीबीए) की शिकायत पर उत्तर प्रदेश बाल संरक्षण आयोग ने उन्नाव जिला प्रशासन को विवाह को रोकने और आरोपी परिजनो के खिलाफ कार्यवाही करने के निर्देश दिये थे लेकिन रिश्तेदारों ने गुपचुप तरीके से तय तिथि से पहले ही बालिका का विवाह करा दिया। मामला संज्ञान में आने के बाद पुलिस ने बालिका की मां,मौसी और मामा समेत 19 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।

बीबीए के एक अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि नाबालिग लड़की उन्‍नाव के मर्दनखेड़ा इलाके की रहने वाली है और उसकी उम्र 14 साल से भी कम है। वह लखनऊ के स्कूल में चौथी कक्षा में पढ़ती है। पिछले 23 जून को सूचना मिली कि बालिका का बाल विवाह लखनऊ में होने जा रहा है जिसे रोकने के लिए संस्था ने डीएम, डीसीपीओ, लखनऊ को पत्र लिखते हुए यूपी बाल अधिकार संरक्षण आयोग को संज्ञान लेने को कहा। यूपी बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने तुरंत लखनऊ और उन्‍नाव के डीएम को इसकी जानकारी दी।

उन्होने बताया कि नाबालिग का बाल विवाह 28 जून को तय था लेकिन प्रशासन और बीबीए की सतर्कता ने आरोपियों की नींद उड़ा दी और नाबालिग का विवाह तय तारीख से पहले ही 26 जून को सोहरामऊ क्षेत्र में स्थित एक मंदिर में करा दिया गया। प्रशासन ने जांच कर बाल विवाह करवाने वाले 19 व्यक्तियों पर मुकदमा दर्ज कर लिया है।

उन्नाव के मर्दनखेड़ा निवासी बालिका की मां भानवती ने बताया कि पुत्री से विवाह कराने के एवज में उसे वर अखिलेश ने सात हजार रूपये दिये थे जिसके बाद वह विवाह के लिये राजी हुयी। उसके इस कृत्य में बालिका के मामा और मौसी भी शामिल है। पुलिस ने इस मामले में बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 की धारा 10,11,12 और किशोर न्याय अधिनियम की धारा 81 के तहत मामला दर्ज किया है।

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