मस्कट: ईरान ने अपने तेजी से बढ़ते परमाणु कार्यक्रमों के लेकर अमेरिका के साथ बातचीत शुरू कर दी है। अब यह वार्ता किस नतीजे तक पहुंचेगी, इसे लेकर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं। ईरान और अमेरिका के बीच यह वार्ता ओमान में हो रही है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान पर परमाणु वार्ता को लेकर बातचीत का दबाव बनाया था। इसके बाद ईरान आखिरकार वार्ता को राजी हो गया। अब ईरान ने अपने तेजी से बढ़ते परमाणु कार्यक्रम को लेकर ओमान में बातचीत शुरू कर दी है।
ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल बाघेई ने एक सोशल मीडिया मंच पर अमेरिका के साथ बातचीत शुरू होने की यह जानकारी साझा की। प्रवक्ता ने कहा, ‘‘यह वार्ता ओमान के मेजबानों द्वारा तय किए गए स्थान पर होगी, जहां ईरान और अमेरिका के प्रतिनिधि मौजूद रहेंगे। इससे पहले दिन में, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्हाइट हाउस में वापसी के बाद ईरान के तेजी से बढ़ते परमाणु कार्यक्रम को लेकर पहली वार्ता से पहले ईरान और अमेरिका के राजदूत शनिवार को ओमान पहुंचे। किसी समझौते की तत्काल संभावना नहीं है, लेकिन करीब 50 वर्ष से दुश्मनी के दौर से गुजर रहे इन दोनों देशों के लिए वार्ता का महत्व और भी बढ़ गया है।
ट्रंप ने दी थी ईरान के धमकी
ट्रंप ने बार-बार धमकी दी थी कि अगर कोई समझौता नहीं हुआ तो वे ईरान के परमाणु कार्यक्रम को निशाना बनाकर हवाई हमले करेंगे। ईरानी अधिकारी लगातार चेतावनी दे रहे हैं कि वे अपने यूरेनियम भंडार को हथियार-स्तर के करीब समृद्ध कर परमाणु हथियार बनाने की कोशिश कर सकते हैं। एसोसिएटेड प्रेस द्वारा विश्लेषण किए गए ‘फ्लाइट-ट्रैकिंग डेटा’ से पता चला कि रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में पुलकोवो हवाई अड्डे से एक निजी जेट शनिवार सुबह ओमान पहुंचा।
पश्चिमी एशिया के लिए अमेरिकी दूत स्टीव विटकॉफ ने शुक्रवार को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से वहीं मुलाकात की थी। इस बीच, ईरान के विदेश मंत्रालय ने तेहरान के शीर्ष राजनयिक अब्बास अराघची की ओमान के विदेश मंत्री बद्र अल-बुसैदी से मुलाकात का फुटेज जारी किया। ईरान की सरकारी समाचार एजेंसी आईआरएनए ने बताया कि अराघची ने ईरान के ‘रुख और वार्ता के लिए मुख्य बिंदुओं को अमेरिकी पक्ष को बताया’।