उत्तर प्रदेश में योगी 2.0 सरकार के शपथ लेते ही अलग-अलग जिलों का प्रशासन भी ‘बुलडोजर मोड’ में आना शुरू हो गया है. इसी कड़ी में बांदा विकास प्राधिकरण ने तिंदवारी से पूर्व विधायक बृजेश प्रजापति पर अपना शिकंजा कसा दिया है.
बृजेश चुनाव से ऐन वक्त पहले स्वामी प्रसाद मौर्या के साथ बीजेपी छोड़ समाजवादी पार्टी में शामिल हुए थे जिन्हें पार्टी ने तिंदवारी से अपना प्रत्याशी बनाया था पर वह हार गए थे.
चुनाव में बीजेपी के खिलाफ जाना बृजेश प्रजापति को महंगा पड़ गया और उनकी मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं. प्राधिकरण द्वारा जारी नोटिस में चार मंजिला मकान और कार्यालय में हुए अवैध निर्माण का ब्यौरा देते हुए 7 अप्रैल को पेश होने को कहा गया है.
BDA के सचिव ने जारी नोटिस में लिखा है कि आप द्वारा बिना नक्शे स्वीकृत कराए बिजली खेड़ा में लगभग 190 वर्ग सेंटीमीटर के क्षेत्रफल में कई तलों में भवन निर्माण कार्य किया गया है. स्थल पर कोई स्वीकृति नही दिखाई गई.