लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में स्थापित सैनिक स्कूलों के प्रति भाजपा सरकार का रवैया पूरी तरह उपेक्षापूर्ण है। इन स्कूलों से जल, थल और नभसेना के लिए प्रशिक्षु जांबाज नौजवान तैयार होते हैं जो देश की सीमाओं की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं। सेना में किसानों के बेटे ही ज्यादा जाते हैं और भाजपा को खेती-किसान-गांव में कोई रूचि नहीं इसलिए भाजपा किसान और जवान से दूरी बनाए रखती है।
मुख्यमंत्री जी लखनऊ के सरोजनी नगर क्षेत्र में पूर्व मुख्यमंत्री डाॅ. सम्पूर्णानन्द जी द्वारा स्थापित सैनिक स्कूल, लखनऊ में ही प्रशिक्षुओं की संख्या 400 से 800 करने जा रहे हैं। मुख्यमंत्री जी को मालूम होना चाहिए कि अमेठी, मैनपुरी, और झांसी में भी सैनिक स्कूल बने हुए हैं। इन सभी में भी 800 सीटें करने का निर्णय होना चाहिए। इस तरह उत्तर प्रदेश में कुल 3200 प्रशिक्षुओं को प्रवेश मिल सकेगा।
झांसी, अमेठी और मैनपुरी में जो सैनिक स्कूल हैं, उनकी स्थापना समाजवादी सरकार में हुई थी। भाजपा सरकार को एक साथ सभी सैनिक स्कूलों में 800 सीटे बढ़ाना चाहिए। भाजपा सरकार के मंत्रिमण्डल ने बिना रागद्वेष के अपने दायित्व निर्वहन की संवैधानिक शपथ ली है, पर उनका आचरण इसके प्रतिकूल है। वे दुर्भावना से काम कर रहे हैं। लोकतंत्र में असहिष्णुता की भावना नहीं होनी चाहिए। स्वस्थ लोकतंत्र के लिए सहिष्णु होना आवश्यक है और नैतिक भी।