इलाहाबाद विश्वविद्यालय के नार्थ हॉल में आज कुलपति प्रोफेसर रतनलाल हांगलू ने योगिनियों पर आधारित किताब का किया विमोचन। पुस्तक का शीर्षक “Experiencing the Goddesses on the trail of yoginis” है। पुस्तक की लेखिका इलाहाबाद विश्वविद्यालय के प्राचीन इतिहास संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग की प्रोफेसर अनामिका राय, स्विजरलैंड की स्टेला, संयुक्त राज्य अमेरिका की जेनेट , दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रोफेसर सीमा कोहली एवं दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रोफेसर नीलिमा !इन पांच लेखिकाओं द्वारा लिखी गई पुस्तक चौसठ योगिनीयों के इतिहास, धार्मिक सांस्कृतिक महत्व पर केंद्रित है।
पुस्तक सघन पुरातात्विक सर्वेक्षण ऐतिहासिक एवं वैज्ञानिक प्रविधि द्वारा लिखी गई है पुस्तक लोकार्पण कार्यक्रम में लेखिका प्रो. अनामिका राय ने पुस्तक में नूतन शोध के बारे में विस्तृत तौर पर विचार रखे। उन्होंने बताया कि चौसठ योगिनियों के मंदिर का अस्तित्व पूरे भारत में विशेषकर बंगाल एंव कश्मीर में साहित्यिक ग्रन्थों में मिलता है परंतु वर्तमान में इसके भौतिक अवशेष मिलते हैं।
स्टेला ने भारतीय संस्कृति में चौसठ योगिनियों के मंदिर के महत्व व तंत्र दर्शन में इनके महत्व के बारे में विस्तार से बताया। पुस्तक भारतीय संस्कृति के अनछुए पहलू पर लिखी गई है।
विमोचन कार्यक्रम में प्रो. रंजना वाजपेयी ,प्रो. हर्ष कुमार, प्रो. हेरंब चतुर्वेदी, प्रो. रामसेवक दुबे, प्रो. अनुपम पांडेय, प्रो एसएस ओझा, प्रो. ए आर सिद्दकी, डॉ. आनन्द शंकर सिंह, विवेक शुक्ला लोकार्पण में विश्विद्यालय के तमाम शोध छात्र एंव परास्नातक के छात्र भारी संख्या में उपस्थित रहे।
रिपोर्ट-शशांक मिश्रा