पश्चिम बंगाल के गवर्नर पद से सेवानिवृत्त हुए केसरी नाथ त्रिपाठी ने ममता सरकार को लेकर दिए तुष्टिकरण वाले बयान पर सफाई देते हुए बोला कि मेरे बयान को तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत किया गया. मैंने उनकी प्रशंसा भी की थी, उस हिस्से को अनदेखा क्यों किया जा रहा है?
केसरी नाथ त्रिपाठी ने शनिवार को बोला था कि सीएम ममता बनर्जी के पास अपने फैसलों को लागू करने की शक्ति व विजन है लेकिन उनकी तुष्टिकरण की नीति का प्रदेश के सामाजिक सद्भाव पर उल्टा प्रभाव हो रहा है. उन्होंने बोला कि उन्हें संयमित भी रहना चाहिए. वह कई मौकों पर भावनात्मक हो जाती हैं, जिसे नियंत्रित किए जाने की आवश्यकता है.उन्होंने प्रदेश में बढ़ती हिंसा पर भी चिंता जताई व बोला कि कानून-व्यवस्था की स्थिति में सुधार लाना चाहिए.
वहीं, तृणमूल कांग्रेस पार्टी ने शनिवार को पश्चिम बंगाल के निवर्तमान गवर्नर के एन त्रिपाठी की इस टिप्पणी के लिए उन पर पलटवार किया कि सीएम ममता बनर्जी की तुष्टीकरण नीति का प्रदेश के सामाजिक सौहार्द पर प्रतिकूल असर पड़ा है. सत्तारूढ़ पार्टी ने गवर्नर से सवाल किया कि क्या यह नंबर बढाने का कोशिश है.
तृणमूल कांग्रेस पार्टी के अतिरिक्त विपक्षी माकपा व कांग्रेस पार्टी ने इसे गलत समय पर की गई टिप्पणी करार दिया. तृणमूल कांग्रेस पार्टी के महासचिव पार्थ चटर्जी ने सवाल उठाया कि त्रिपाठी ने इससे पहले यह क्यों नहीं कहा. अगले गवर्नर जगदीप धनकड़ 30 जुलाई को शपथ लेंगे.