लीची डायबिटीज, अस्थमा, हाई ब्लड प्रेशर, फैट की चर्बी के साथ पाचन संबंधी समस्याओं में अच्छा है. लेकिन इसमें मिथाइलीन साइक्लो प्रॉपिल ग्लाइसीन (हाइपोग्लाइसीन ए भी कहते हैं). इसलिए बढ़ती दिक्कत
लीची के तीन हिस्से होते हैं. पहला छिलका, दूसरा गूदा यानी पल्प व तीसरा भाग बीज का होता है. इसका गूदा वाला भाग खाया जाता है. हाइपोग्लाइसीन ए शरीर में ग्लूकोज बनाने से रोकता है. इस वजह से फैटी एसिड मेटाबॉलिजम बनने में भी परेशानी होती है. इससे ब्लड-शुगर लो कम हो जाता है. ऐसी स्थिति में आदमी को मस्तिष्क संबंधी समस्याएं प्रारम्भ हो जाती हैं.
खाली पेट खाने से बचें
लीची सुबह-सुबह खाली पेट खाने से परेशानी हो सकती है. इसमें हाइपोग्लाइसीन ए की वजह से ग्लूकोज की मात्रा घटती है. जिसे ‘हाइपोग्लाइसीमिया’ कहते हैं. पूरी तरह लीची खाने से बचें. शाम के समय ज्यादा लीची ज्यादा न खाएं. इसके बाद खाना भी खाएं. इसको खाने के बाद सबसे ज्यादा कुपोषित लोगों और बच्चों की स्वास्थ्य बिगडऩे की संभावना रहती है.
Check Also
डेंगू के लिए जलवायु परिवर्तन भी जिम्मेदार
विश्व स्तर पर डेंगू संक्रमण (Dengue Infection) के बढ़ते मामलों के बीच, एक नए अध्ययन ...