छुट्टियां स्वास्थ के लिए लाभकारी होती हैं. वैज्ञानिकों ने इस बात की पुष्टि की है. वैज्ञानिकों का बोलना है कि अगर इंसान अपने कार्य से छुट्टियां लेता है तो उसको दिल की बीमारियों का खतरा कम रहता है. इसलिए, अगर आप कार्यालय में कार्य करते-करते थक गए हैं तो छुट्टी लेकर घूमने जरूर जाएं. आप वर्ष में जितनी ज्यादा छुट्टियां लेंगे, आपको मेटाबॉलिज्म सिंड्रोम का खतरा उतना ही कम रहेगा. इसके अलावा, हाइपरटेंशन व हाई कोलेस्ट्रोल की समस्या भी नहीं होगी. वैज्ञानिकों ने यह बात शोध के निष्कर्ष के आधार पर कही है.
ऑफिस से जितनी लेंगे छुट्टियां, बीमारी का खतरा होगा उतना ही कम
इस शोध में बोला गया है कि आप कार्यालय से जितनी ज्यादा छुट्टियां लेंगे आपको बीमारी का उतना ही कम खतरा होगा. कार्यालय से छुट्टी लेने से अवसाद से लेकर हार्ट की बीमारियां का खतरा कम होगा.दरअसल, मेटाबॉलिक सिंड्रोम की वजह से इंसान को हाइपरटेंशन, कोलेस्ट्रोल व दिल की बीमारियां होती हैं. वैज्ञानिकों का बोलना है कि आप वर्ष में कार्यालय से जीतनी ज्यादा छुट्टियां लेंगे, आपको इन बीमारियों का खतरा उतना ही कम रहेगा. टाइप-2 डाइबिटीज भी नहीं होगी.
कहां हुआ है यह शोध?
इस शोध को न्यूयॉर्क की सिरैक्यूज यूनिवर्सिटी ने किया है
। शोध का नेतृत्व फाल्क कॉलेज डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक हेल्थ की सहायक प्रोफेसर डॉक्टर ब्रायस ह्रस्का ने किया
. ब्रायस का
बोलना है कि
वर्ष में जो कर्मचारी जितनी ज्यादा छुट्टी लेते हैं उनको मेटाबॉलिक सिंड्रोम का उतना ही कम खतरा रहता है
. दिल से जुड़ी जितनी भी बीमारियां होती हैं उनका कारण मेटाबॉलिक सिंड्रोम ही होता है
.
उनका बोलना है कि शोध में देखा गया है कि छुट्टी लेकर घूमने वाले कर्मचारियों में दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा कम रहता है.
क्या होता है मेटाबॉलिक सिंड्रोम?
मेटाबॉलिक सिंड्रोम, ऐसी परिस्थितियों का समूह होता है जो उच्च रक्त चाप, कोलेस्ट्रोल, ब्लड शुगर लेवल व दिल से जुड़ी बीमारियों के खतरे को बढ़ाता है. इसकी वजह से हमारे कमर के इर्द-गिर्द फैट जमा होता है. यह टाइप- 2 डाइबिटीज, तनाव व स्ट्रोक जैसी खतरनाक बीमारियों के लिए जिम्मेदार होता है.
कैसे हुआ यह शोध?
अगर अमेरिका की बात करें तो यहां हर तीसरे में से एक वयस्क मेटाबॉलिक सिंड्रोम से पीड़ित है
. मेयो क्लिनिक के आंकड़े बताते हैं कि यह सिंड्रोम जितना कम रहेगा इंसान का वजन संतुलित रहेगा
. इस शोध को करने के लिए शोधकर्ताओं ने 63 कर्मचारियों का विश्लेषण किया
. इन कर्मचारियों के खून का सैंपल लिया गया
व इसकी
जाँच की गई
. इसके बाद जिन पुरुष कर्मचारियों की कमर की परिधि 88 सेंटीमीटर
व महिला कर्मचारियों के 101 सेंटीमीटर से ज्यादा निकली, उनको मेटाबॉलिक सिंड्रोम से प्रभावित माना गया
.
इन पुरुष व महिला कर्मचारियों के ब्लड प्रेशर व गुड कोलेस्ट्रोल के स्तर को भी इसी तरह से लिया गया. इसके बाद जो निष्कर्ष निकले वो चौंकाने वाले थे. यह शोध साइकोलॉजी व हेल्थ जनरल में प्रकाशित हुआ है व इसमें बताया गया कि जो कर्मचारी वर्ष में ज्यादा छुट्टी लेते हैं उनको मोटाबॉलिक सिंड्रोम की समस्या कम रहती है. इसमें बताया गया कि जो कर्मचारी वर्षमें पांच छुट्टियां लेते हैं उनको इस सिड्रोम का खतरा 16 प्रतिशत कम रहता है. जबकि जो एक भी छुट्टी नहीं लेते उनमें इस सिंड्रोम के बढ़ने का खतरा 46.7 प्रतिशत रहता है.