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अगर घर में होंगे डॉगी तो बच्चों को नहीं होगी ये बिमारी,पढ़े पूरी खबर…

घर में डॉगी का होना बच्चों के विकास,  बीमारियों से रोकथाम में लाभकारी है. वैज्ञानिकों ने इस बात को स्वीकार कर लिया है. सदियों से कुत्ता, इंसान का सबसे अच्छा दोस्त साबित हुआ है. लेकिन आप शायद ही यह बात जानते होंगे कि अगर आपके घर में कुत्ता है तो आपके बच्चों को एलर्जी का खतरा कम रहता है. बच्चों  जानवरों के बीच संबंध पर हुए एक नए शोध का बोलना है कि जिन घरों में जितने ज्यादा कुत्ते होते हैं, वहां पलने वाले बच्चों को उतनी ही कम एलर्जी होती है.

यह बात तो आप जानते ही होंगे कि कुत्ते को पालने के शारीरिक, मानसिक  सामाजिक कई तरह के फायदे होते हैं. कुत्ता, इंसान का सबसे वफादार साथी होता है जो उसे आने वाले खतरे के न ही सिर्फ इशारा देता है, बल्कि खतरे के वक्त रक्षक बनकर सदियों से चली आ रही, अपनी वफादारी को भी निभाता है. ये ही वजह है कि दुनियाभर के सभी राष्ट्रों में लोग कुत्ता जरूर पालते हैं.

पिछले वर्ष दिसंबर में स्वीडन में हुए एक शोध में बोला गया है कि जिन घरोंं में जितने ज्यादा पालतू जानवर होते हैं, वहां पैदा होने वाले बच्चों को एलर्जी का खतरा उतना ही कम रहता है. इस शोध को करने के लिए शोधकर्ताओं ने 1,278 बच्चों का परीक्षण किया. शोध में पाया गया है कि जो बच्चे 18 महीन, 3 साल, आठ एवं नौ वर्ष के बीच की आयु में पालतू जानवरों के बीच पलते हैं, उनको एलर्जी का खतरा उतना कम रहता है.
शोध में बताया गया है कि 49 प्रतिशत घर ऐसे हैं जहां कोई पालतू जानवर नहीं है  वहां पैदा होने वाले बच्चे पहले 12 महीने के भीतर ज्यादा एलर्जी की समस्या से ग्रसित रहते हैं. जिन घरों में एक डॉगी होता है वहां बच्चों को 43 प्रतिशत ही एलर्जी की आसार होती है. जो बच्चे तीन पालतू जानवरों के बीच पलते हैं उनको 24 प्रतिशत तक एलर्जी की आसार रहती है. जो बच्चे पांच  उससे ज्यादा पालतू जानवरों के बीच पलते हैं उनको बचपन में किसी भी तरह की एलर्जी नहीं होती है.

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