Breaking News

अब इस देश में नहीं दी जाएगी मौत की सजा, प्रावधान को किया गया समाप्त

दुनिया के विभिन्न हिस्सों में अपराधियों को मौत की सजा देने को लेकर बहस का दौर जारी है। एक ओर अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मृत्युदंड की सजा को जोरदार तरीके से आगे बढ़ाने की बात कही है। तो वहीं, अब एक ऐसा देश सामने आया है जिसने अपने यहां मौत की सजा के प्रावधान को खत्म ही कर दिया है। यानी कि अब इस देश में किसी भी शख्स को मृत्युदंड नहीं मिलेगा। आपको बता दें किमौत की सजा खत्म करने वाले इस देश का नाम जिम्बाब्वे है।

कानून को राष्ट्रपति से मिली मंजूरी

अफ्रीकी देश जिम्बाब्वे में मृत्युदंड की सजा के प्रावधान को पूरी तरह से खत्म कर दिया गया है। जिम्बाब्वे के राष्ट्रपति एमर्सन मनंगाग्वा ने इस सप्ताह मृत्युदंड को खत्म करने के कानून के प्रावधान को मंजूरी दे दी है। जिम्बाब्वे में आखिरी बार किसी कैदी को लगभग दो दशक पहले मौत की सजा दी गई थी। इस कारण से ऐसा अंदाजा लगाया जा रहा था कि जिम्बाब्वे मौत की सजा खत्म करने का कदम उठा सकता है।

कभी राष्ट्रपति एमर्सन को भी सुनाई गई थी मौत की सजा

आपको एक खास बात बता दें कि जिम्बाब्वे के वर्तमान राष्ट्रपति एमर्सन मनांगाग्वा को भी कभी फांसी की सजा सुनाई गई थी। जिम्बाब्वे के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान साल 1960 के दशक में उन्हें ये सजा दी गई थी। एमर्सन मनांगाग्वा का जन्म साल 1942 में हुआ था। उन्होंने उपनिवेशवाद के खिलाफ आंदोलन में भाग लिया था जिस कारण उन्हें दस साल जेल में भी रहना पड़ा था। वर्तमान में वह 2017 से जिम्बाब्वे के राष्ट्रपति के रूप में कार्यरत हैं।

जिम्बाब्वे में ऐसे कितने कैदी हैं?

स्वतंत्रता संग्राम के दौरान 1960 के दशक में मनंगाग्वा को भी फांसी की सजा सुनाई गई थी। जिम्बाब्वे में करीब 60 कैदी ऐसे हैं, जिन्हें मौत की सजा सुनाई जा चुकी है। हालांकि, अब इस नए कानून के आने के बाद सभी की सजा को माफ कर दिया जाएगा। बता दें कि जिम्बाब्वे में अंतिम बार किसी को साल 2005 में मौत की सजा दी गई थी।

About reporter

Check Also

IND vs AUS: स्मिथ की एक गलती AUS के लिए महंगी साबित हो सकती है, कोहली को आउट करने का बड़ा मौका खोया

IND vs AUS: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच सिडनी में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का आखिरी और 5वां टेस्ट ...