सैन्य अदालतों ने सुनाई थी सजा
हिंसा के बाद देश भर में की गई छापेमारी में सैकड़ों संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया था। 100 से अधिक नागरिकों के मामले सैन्य अदालत में सुनवाई के लिए भेजे गए क्योंकि वो सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमले में शामिल थे। दिसंबर में सैन्य अदालतों ने हिंसा में भूमिका के लिए 85 नागरिकों को दो से दस साल तक की जेल की सजा सुनाई थी।
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औपचारिकताएं पूरी होने के बाद होगी रिहाई
सेना ने बृहस्पतिवार को जारी एक बयान में कहा कि नौ मई की घटना के दोषियों को सजा की घोषणा के बाद, उन्होंने अपील करने के अपने अधिकार का इस्तेमाल किया है और अपनी सजा में दया और छूट की मांग की है। बयान के मुताबिक, 67 दोषियों ने अपनी दया याचिकाएं दी हैं, और 48 याचिकाओं पर अपील अदालतों में कार्रवाई की गई है, जबकि 19 दोषियों की याचिकाएं कानून के मुताबिक मानवीय आधार पर स्वीकार की गई हैं। फौज ने कहा कि शेष दोषियों की दया याचिकाओं पर कानूनी प्रक्रिया के बाद समय पर निर्णय लिया जाएगा। सेना ने कहा कि जिन लोगों की दया अपील स्वीकार कर ली गई है, उन्हें औपचारिकताएं पूरी होने के बाद रिहा कर दिया जाएगा।