भीषण गर्मी न केवल इंसानों और जानवरों पर अपना कहर बरपा रही है बल्कि राष्ट्रीय नदी गंगा भी गर्मी का सामना कर रही है। नदी के बीच में गंगा के लंबे हिस्सों में रेत के धब्बे दिखाई दे रहे हैं क्योंकि पानी सूख रहा है।
यूपी की ओर से जब कई लाशें आईं थीं तो इसी बीच लखनऊ के सीवेज वाटर में कोरोना वायरस पाए जाने के बाद यह स्पष्ट हुआ कि पानी में भी वायरस रह सकता है और अनंत काल तक जिंदा रह सकता है.
इसी बात को ध्यान में रखकर शुद्धता की जांच के लिए बिहार राज्य प्रदूषण बोर्ड के अधिकारियों ने पानी के नमूने का करीब दस दिन पहले संग्रह किया था.इसके बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने शवों को निकालकर दफनाया था.
इसने प्राणीविदों, पर्यावरणविदों और गंगा कार्यकर्ताओं के बीच चिंता बढ़ा दी है, जो महसूस करते हैं कि अगर स्थिति लंबे समय तक जारी रहती है तो इससे राष्ट्रीय नदी के वनस्पतियों और जीवों को गंभीर खतरा हो सकता है।