महोपनिषद् में भारत के उदार चिंतन का उद्घोष किया गया- अयं निजः परो वेति गणना लघुचेतसाम् । उदारचरितानां तु वसुधैव कुटुम्बकम् ॥ इसका मूलभाव यह भी है कि समाज में पीड़ित या जरूरतमन्दों की सहायता सेवा अपनत्व के साथ करनी चाहिए। जिस समाज में परस्पर सहयोग की ऐसी भावना होती है,उसे ही श्रेष्ठ माना जाता है। भारत ने सदैव इसी भावना के अनुरूप कार्य किया है।
यहां व्यक्ति परिवार समाज व राष्ट्र की परिकल्पना में यह भाव समाहित है। इससे भी एक कदम आगे बढ़ते हुए वसुधा के कल्याण की कामना की गई। संयुक्त परिवार भारत की परंपरा में रहे है। लेकिन कुछ आधुनिक जीवन शैली व कुछ परिस्थितियों के कारण यह व्यवस्था कमजोर हुई है। इसी कारण वृद्धाश्रम खुल रहे है।
राज्यपाल आनन्दी बेन पटेल ने इन आश्रमों को वसुधैव वसुधैव कुटुंबकम की भावना से संचालित करने का सन्देश दिया। कहा कि हमारी संस्कृति वसुधैव कुटुम्बकम की है। परिवार का मतलब एक दूसरे की सहायता करना तथा एक दूसरे के सुख दुख में भागीदार बनना है। ऐसे संस्कार हमे अपने बच्चों को देना चाहिए। आनन्दी बेन बच्चों को संस्कार देने के लिए उन्हें दीक्षांत समारोहों व अन्य स्थानों पर भ्रमण हेतु ले जाती है। वृद्धाश्रम आश्रम के निरीक्षण के दौरान भी वह राजभवन की पांच बेटियों को साथ ले गई थी। जिससे ये बेटियां यहां की व्यवस्था तथा रह रहे वृद्धजनों से उनके अनुभव जान सकें। राज्यपाल यहां की व्यवस्था से संतुष्ट हुई। कहा कि आज यहां आकर मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। यह प्रसन्नता की बात है कि सभी संवासी यहां भाई बहन बनकर एक दूसरे के सुख दुख के भागीदार बन रहे है।
सुविधाओं की सौगात
आनंदीबेन पटेल ने अंतर्राष्ट्रीय वृद्धजन दुव्र्यव्हार जागरूकता दिवस पर वृद्धा आश्रम हीरालाल नगर सरोजनी नगर लखनऊ का भ्रमण किया। इसका संचालन प्रदेश समाज कल्याण विभाग की ओर से प्रायोजित सार्वजनिक शिक्षा शिक्षोन्नयन संस्थान द्वारा किया जाता है। इस अवसर पर राज्यपाल ने राजभवन की ओर से वृद्धा आश्रम में रह रहे वृद्धजनों के उपयोगार्थ दो वाशिंग मशीन, अस्सी बेड सीट, चालीस गद्दा, चालीस पिलों तथा दो गैस चूल्हा आदि सप्रेम भेंट किये।
राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव महेश कुमार गुप्ता ने शहीद मेमोरियल सोसाइटी द्वारा संचालित सेवार्थ वृद्धा आश्रम पारा राजाजीपुरम लखनऊ में रह रहे वृद्धजनों के उपयोग के लिए पांच कूलर,पच्चीस फोल्ड़िग बेड तथा एक वाशिंग मशीन तथा शहीद मेमोरियल सोसाइटी द्वारा ही संचालित सेवार्थ वृद्धा आश्रम राजाजीपुरम लखनऊ में रह रहे वृद्धजनों के उपयोगार्थ एक फ्रिज, पच्चीस फोल्ड़िग बेड तथा पांच कूलर राज्यपाल के विशेष सचिव बद्री नारायाण सिंह ने राजभवन की ओर से भेंट किये गये।
त्रिस्तरीय व्यवस्था
आनंदीबेन पटेल इस प्रकार के अनेक आश्रमों का समय समय पर निरीक्षण करती रही है। वह मानती है कि यहां भी पारिवारिक भावना के अनुरूप माहौल होना चाहिए। जिससे वृद्धजनों को अपनापन महसूस हो। उन्होंने कहा कि वृद्धाश्रमों में त्रिस्तरीय व्यवस्था होना चाहिये अर्थात बाल संरक्षण गृह,संवासनी गृृह तथा वृद्धा आश्रम एक स्थान पर होने से छोटे बच्चों को मां का प्यार एवं दादा दादी का स्नेह मिलेगा तथा एक परिवार का वातावरण भी मिलेगा, जिससे बच्चे संस्कारवान तथा शिक्षित बनेगें। उन्होंने कहा कि सरकार को इस त्रिस्तरीय व्यवस्था पर विचार करना चाहिये।