आपने बैंक से लोन लेकर कार खरीदी है व कुछ समय बाद उसे बेचना चाहते हैं तो आंखमूंदकर उसका सौदा करना कठिनाई का सबब बन सकता है. ऑटो विशेषज्ञों के मुताबिक, अगर कार कर्ज़ की मासिक किश्त (ईएमआई) अभी चल रही है तो बेचने से पहले कर्ज़ ट्रांसफर करवाने के विकल्प जान लेना चाहिए. इससे कार बेचने के बाद कोई कठिनाई नहीं होती है.खरीदार के बारे में जानें व पूरी पड़ताल करें
कार पर अगर लोन बाकी है तो उसे किसी भी आदमी को सरलता से नहीं बेच सकते हैं. ऐसा इसलिए कि कर्ज़ ट्रांसफर करवाना कठिन होने कि सम्भावना है. ऐसे सबसे पहले जिस आदमी को कार बेचना चाहते हैं उसका क्रेडिट स्कोर देखें. क्रेडिट स्कोर देखकर ही बैंक लोन देने या कर्ज़ ट्रांसफर का विकल्प देते हैं. क्रेडिट स्कोर 300 से 900 अंकों के बीच आंका जाता है. 760 से ऊंचा रहने पर ही बैंक सरलता से लोन देते हैं या कर्ज़ ट्रांसफर का विकल्प देते हैं. विशेषज्ञों का बोलना इस स्थिति में कार बेचने के पहले खरीददार के बारे में पूरी पड़ताल करें.
रजिस्ट्रेशन को बदलें
कार कर्ज़ दूसरे के नाम ट्रांसफर कराने के लिए महत्वपूर्ण है कि गाड़ी का रजिस्ट्रेशन भी नए आदमी के नाम पर हो. इसके बाद ही बैंक दूसरे आदमी को कार कर्ज़ देगा. ऐसे में आपको परिवहन विभाग के संबंधित ऑफिस में जाना होगा व वहां प्रक्रिया पूरी करनी होगी. बैंक रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया के पूरी होने के बाद ही अंतिम रूप से कर्ज़ ट्रांसफर का निर्णय लेते हैं.विशेषज्ञों का बोलना है कि सामान्य स्थिति में भी कार बेचने के बाद रजिस्ट्रेशन के दस्तावेज पर खरीदार का नाम आने के बाद उसकी एक कॉपी अपने पास महत्वपूर्ण रखें.
पॉलिसी बदलना जरूरी
कर्ज़ ट्रांसफर व रजिस्ट्रेशन में परिवर्तन के बाद कार की बीमा पॉलिसी में परिवर्तन करवाना होता है. ऐसा होने पर कार बीमा का प्रीमियम आपको नहीं देना पड़ेगा. साथ ही किसी एक्सीडेंट की स्थिति में आपकी किसी भी तरह की जिम्मेदारी नहीं होगी. विशेषज्ञों का बोलना है कि कई मामलों में बीमा पॉलिसी में परिवर्तन के बिना ही लोग कार बेच देते हैं. ऐसी कारें जब एक्सीडेंट होती हैं तो बीमा का दावा मिलना कठिन हो जाता है.
भुगतान विकल्प भी देखें
सरकारी व व्यक्तिगत बैंक सभी तरह के लोन में पूर्व भुगतान का विकल्प नहीं देते हैं. जबकि कुछ मामलों में वह शुल्क के साथ इसका विकल्प देते हैं. कार कर्ज़ के मुद्दे में ज्यादातर बैंक पूर्व भुगतान की स्थित में शुल्क वसूलते हैं. हालांकि, देश के कुछ बड़े बैंकों ने कार कर्ज़ के पूर्व भुगतान पर शुल्क नहीं लेने की आरंभ की है. इसके अतिरिक्त बैंक कुछ प्रक्रिया शुल्क भी वसूलते हैं जो बचे हुए कार कर्ज़ का एक तय प्रतिशत या राशि होती है. साल, पांच वर्ष व तीन वर्ष की अवधि के लिए बैंकों से कार कर्ज़ लेने की सुविधा होती है.