राजस्थान के दौसा के बांदीकुई क्षेत्र के आभानेरी ग्राम पंचायत के दो हजार आबादी वाले गांव के माटी के लाल चेतराम गुर्जर ने विषम परिस्थितियों में उड़ने वाला हेलीकॉप्टर बना कर कमाल कर दिया है. आईटीआई डिग्री धारी युवक के पढा़ई के दौरान एक उड़ने वाले हेलीकॉप्टर बनाने का सपना था. जिसको लेकर लूज पार्ट्स और जुगाड़ करके एक आदमी के बैठकर चार सौ किलो वजनी लोहे की बांडी का हेलीकॉप्टर एक साल की कड़ी मेहनत कर बना डाला.
युवक का दावा है कि यदि उसे अनुमति मिले तो वह यह हेलीकॉप्टर बीस फीट ऊंचाई तक उड़ा सकता है. इसको बनाने में उसने प्रतिदिन बारह से पन्द्रह घंटे की मेहनत की है. साथ ही इसमें करीब दस लाख रूपये का खर्चा हुआ है. जिसको लेकर किसान पिता ने उसके सपनों को पंख लगाने के लिए सहयोग किया.
हेलीकॉप्टर को बनाते समय इसे तीन बार बदला गया. पहले इसमें मोटर साइकिल का सिंगल पेट्रोल इंजन लगाया गया लेकिन यह नहीं उड़ सका फिर युवक ने डीजल का इंजन लगाया लेकिन हलिकॉप्टर के कंपंन के कारण सफलता नहीं मिली. लगातार बदलते मॉडल के चलते हांन्डा सीबीजेड मोटर बाईक के दो इंजन लगाने के बाद और हेलीकॉप्टर का थोड़ा रूप में विस्तार कर युवक ने सफलता प्राप्त करते हुए हेलीकॉप्टर को बीस फीट ऊंचाई से ऊपर उड़ने का दावा किया.