भारत में 80 फीसदी से अधिक गर्भवती महिलाएं एनीमिया से पीड़ित हैं। अच्छे खान-पान की कमी के वजह से स्त्रियों में एक आयु के बाद कई तरह की बीमारियां घर करने लगती हैं। हालांकि ऐसा पुरुषों के साथ भी होता है पर स्त्रियों को होने वाली बीमारियां थोड़ी विशिष्ट होती हैं। ऐसे में स्त्रियों को विशेषत इन बीमारियों के बारे में जरूर पता होना चाहिए। साथ ही रेगुलर चेकअप तो बहुत महत्वपूर्ण है। एनीमिया भारतीय महिलाएं स्वास्थ्य के प्रति लापरवाह होती हैं। वो प्राय: खून की कमी से जूझती हैं क्योंकि हर महीने होने वाले मासिक धर्म में दूषित रक्त के साथ महत्वपूर्ण खनिज एवं धातुएं भी निकल जाती हैं। व इसकी भरपाई में वह आयरनयुक्त आहार नहीं लेतीं। एनीमिया के लक्षण
-चेहरा पीला पड़ जाना
-थकान महसूस होना – व्यायाम के वक्त असामान्य ढंग से साँस की अवधि घट जाना
– दिल का तेजी से धड़कना
– हाथ-पांव बेहद ठंडे हो जाना – नाखूनों का गम्भीर हो जाना इससे बचना हो तो क्या खाएं
– सोयाबीन आयरन व प्रोटीन से युक्त होता है। इसे अपनी डायट में शामिल करें
– पालक में कैल्शियम, विटमिन,आयरन, फाइबर, बीटा कैरोटीन होता है जो शरीर को स्वस्थ रखता है।
– चुकंदर आयरन युक्त होता है। यह लाल रक्त कोशिकाओं को अच्छा करने के साथ ही व दोबारा सक्रिय बनाता है।
– गर्भवती स्त्रियों एवं किशोरी लड़कियों को नियमित रूप से 100 दिन तक आयरन की गोली खानी चाहिए। ब्रेस्ट कैंसर ब्रेस्ट में होने वालले गांठ, दर्द, खून आना, सूजन जैसी चीजें ब्रेस्ट कैंसर का लक्षण हैं। भारतीय स्त्रियों में स्तन कैंसर सबसे ज्यादा पाया जाता है। वर्ष 2018 में ब्रेस्ट कैंसर के करीब 1,62,468 नये मुद्दे दर्ज हुए हैं व करीब 87,090 स्त्रियों की मौत स्तन कैंसर से हुई है। पीसीओडी पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम एक प्रकार का मेटाबॉलिक डिसऑर्डर है।
50 फीसदी से अधिक महिलाएं इस बात से अनजान रहती हैं कि वे इस विकार से पीड़ित हैं। यह बीमारी हार्मोन्स के बैलेंस ना होने का नतीजा होती है। पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम से ग्रस्त स्त्रियों की ओवरी (अंडाशय) पुरुष हार्मोन टेस्टोस्टेरोन का स्त्रियों के हार्मोन एस्ट्रोजन की तुलना में अधिक उत्पादन करना शुरु कर देती है।