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गूगल कर्मचारियों ने सैलरी बचने के लिये किराए के घर की जगह इसे बनाया अपना ठिकाना

गाड़ियों का प्रयोग एक स्थान से दूसरी स्थान जाने के लिए होता है. पर, कैलिफोर्निया के माउंटेन व्यू इलाके में कर्मचारी इनका उपयोग घर की तरह कर रहे हैं. यहां संसार की चौथी सबसे बड़ी कंपनी अल्फाबेट (गूगल की पैरेंट कंपनी) का हेडक्वार्टर है. पिछले कुछ समय में यहां मकान किराए में भारी इजाफा हुआ है.

माउंटेन व्यू में मकान का औसत किराया 2.89 लाख रुपए

इस वजह से कम सैलरी पाने वाले लोग वैन को ही घर बनाकर रहने को विवश हो रहे हैं. इनमें गूगल सहित कई अन्य टेक कंपनियों के युवा कर्मचारी भी शामिल हैं. माउंटेन व्यू में मकान का औसत किराया 4151 डॉलर (करीब 2.89 लाख रुपए) है. यह 2010 की तुलना में लगभग दोगुना है. यहां की टेक कंपनियों में कार्य करने वाले कई युवाओं की सैलरी 10 हजार डॉलर से कम है. जाहिर है वे इतना ज्यादा किराया नहीं दे सकते हैं. वहीं, वैन 800 डॉलर (करीब 55 हजार रुपए) प्रतिमाह के किराए पर मिल जाती हैं. इसलिए कम सैलरी पाने वाले कर्मचारी वैन को घर बनाने को तरजीह देते हैं.

घर खरीदना  भी महंगा हो गया है. इस इलाके में 2010 में फ्लैट की औसत मूल्य करीब 5.22 करोड़ रुपए थी. यह अब बढ़कर 12.54 करोड़ रुपए हो गई है. माउंटेन व्यू को सिलिकन वैली के टेक बूम का प्रमुख जगह माना जाता है. यहां से कई लोग करोड़पति बने. साथ ही घर की समस्या भी बड़े पैमाने पर सामने आई. यह समस्या इतनी बढ़ गई है कि यूएन ने इसे मानवाधिकार का उल्लंघन बताया. पिछले वर्ष दिसंबर में माउंटेन व्यू में 300 वैन का प्रयोग घर के तौर पर हो रहा था. इर्द-गिर्द के इलाकों में भी इतनी ही है. उधर, माउंटेन व्यू सिटी काउंसिल ने रोड पर वैन पार्क करना गैरकानूनी करार दे दिया है, इससे इन वैन में रहने वालों की कठिन बढ़ सकती

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