चमकी बुखार के कारण बिहार में शुक्रवार को व 5 बच्चों की मृत्यु हो गई. यूं तो यह आंकड़ा कम नहीं है, लेकिन पिछले कुछ वक्त के मुकाबले में यह यकीनन कम है. 100 बच्चों को डिस्चार्ज भी किया जा चुका है. हालांकि, ऐसे में भले ही बिहार प्रशासन ने कुछ राहत की सांस ली है, इस बीमारी के कारण अब तक 128 मासूमों की जान जा चुकी है. वहीं, एक गांव ऐसा भी है जो 11 बच्चों को खोने के बाद अभी तक भय के साये में है. बिहार के हरिवंशपुर में सबसे ज्यादा 11 बच्चों की मृत्यु चमकी बुखार के कारण हो गई. यहां एक ही परिवार के तीन बच्चों की मृत्यु दो दिन में हो गई. अपने बच्चों के लिए डरे हुए लोग उन्हें संबंधियों के घर भेज रहे हैं, यह सोचकर कि यहां की हवा या पानी में ऐसा कुछ है जो उन्हें बीमार बना रहा है. मां-बाप की निगाहें बच्चों से हट नहीं रहीं लेकिन फिर भी वे बीमार पड़ते जा रहे हैं. आम बुखार होने पर भी लोग किसी अनहोनी के भय से अपने बच्चों को भगवानपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र लेकर भागते हैं.
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