उन्नाव- देश के प्रधानमंत्री ने बीते 8 नबंवर 2016 मध्यरात्री से देश में 500 व 1000 रूपये के नोटों का बाज़ार मे चलन बंद कर था हालांकिसरकारी बाज़ार मे इन नोटों के चलन की अंतिम तिथि 31 दिसंबर तक था । प्रधानमंत्री का यह निर्णय काला धन रखने वाले धनकुबेरो के लिए गले की हड्डी साबित हो रही थी । इस क्रम मे कुछ धनकुबेरो ने अपना काला धन सफ़ेद करने के लिए अपने मातहतो के बैंक खाते मे पैसे जमा कराये तो कुछ नोटों के बंडलो को नदी व नालो मे बहाया।
ऐसा ही एक मामला उन्नाव मे देखने को मिला जहां चार बोरो मे कटे नोट मिलने से सनसनी फैल गयी । तहक़ीक़ात के बाद पता चला की बोरो मे पुराने 500 व 1000 के नोटों की कतरन थी । फिलहाल स्थानीय पुलिस आरबीआई से संपर्क कर बरामद बोरो की हकीकत जानने की कोशिश कर रही है । ऐसे कयास लगाए जा रहे है आरबीआई से कटाई के बाद जो बोरे निकलते है ये वही बोरे हो सकते है । नियमानुसार आरबीआई अवैध नोट काटकर ठेकेदारो को बेच देती है । ठेकेदार उसे पेपर बनाने वाली कंपनियो को बेच देते है ऐसे मे कभी कभी ऐसा होता है जिस ट्रक से ऐसे बोरे जाते है ट्रक चालक ओवेरलोड के वजह से कुछ बोरे उतार से फेंक देते है। फिलहाल पुलिस बरामद बोरो की तहक़ीक़ात कर रही है ।