अमेरिकी विदेश मंत्रालय के उप प्रवक्ता मार्क टोनर ने कहा, ‘‘सच्चाई यह है कि अफगानिस्तान की सुरक्षा, पाकिस्तान की सुरक्षा और भारत की सुरक्षा आपस में जुड़ी हुई है। मेरा मानना है कि ये देश आतंकवाद से निपटने के अभियानों में एक साथ मिलकर जितना ज्यादा काम कर सकें, उतना क्षेत्र की बेहतरी के लिए अच्छा होगा।’’
काबुल स्थित अफगानिस्तान की संसद में हुए आतंकी हमलों और कंधार हमले की निंदा करते हुए टोनर ने अफगान सरकार के इन आरोपों पर सहमति जताई कि पाकिस्तान में आतंकियों की शरणस्थलियों का अब भी मौजूद होना आतंकियों को अपनी मर्जी से अफगानिस्तान में हमले करने का अवसर देता है। अफगानिस्तान की संसद पर हुए हमले में कम से कम 38 लोग मारे गए थे। टोनर ने कहा, ‘‘हम पाकिस्तान को सार्वजनिक तौर पर यह कहने में बेहद मुखर एवं स्पष्ट रहे हैं कि उसे अफगानिस्तान में हमला करने वाले या ऐसा इरादा रखने वाले समूहों को शरणस्थल उपलब्ध करवाने की जरूरत नहीं है।’’
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘‘हमने कुछ हद तक प्रगति देखी है। हमने इन शरणस्थलों को नष्ट करने की दिशा में उन्हें कुछ कदम उठाते हुए देखा है लेकिन समस्या अब भी मौजूद है। यह पाकिस्तान के साथ हमारी जारी वार्ता या सहयोग का एक हिस्सा है।’’ टोनर ने कहा कि अफगानिस्तान की संसद पर हमला लोकतंत्र पर किया गया हमला है और अमेरिका युद्ध प्रभावित इस देश की अब तक हासिल उपलब्धियों को व्यर्थ नहीं जाने देगा।
Tags afganistan America India Pakistan
Check Also
जलवायु वित्त के प्रस्ताव पर नागरिक समाज की नाराजगी, कहा- बुरी डील होने से अच्छा, कोई समझौता ही न हो
बाकू में आयोजित हो रहे जलवायु सम्मेलन के दौरान नागरिक समाज ने विरोध प्रदर्शन किया। ...