आपका चेहरा न स़िर्फ आपके इमोशन्स को दर्शाता है, बल्कि ये आपके हेल्थ के बारे में भी बताता है। तो आप भी अपने चेहरे को ग़ौर से देखें व जानें कि वो क्या कहता है आपकी स्वास्थ्यके बारे मेंमाथा
क्या हो सकती हैं हेल्थ प्रॉब्लम्स: पित्ताशय व लिवर की समस्या के अतिरिक्त पाचनक्रिया में गड़बड़ी की ओर इशारा करती है।
माथा हमारे नर्वस सिस्टम व पाचनतंत्र से जुड़ा होता है, जिससे किसी भी तरह का स्ट्रेस या पाचनक्रिया में गड़बड़ी का सीधा प्रभाव माथे पर आड़ी रेखाओं या पिंपल्स के रूप में नज़र आता है
हेल्थ टिप: रोज़ाना प्रातः काल गुनगुने पानी में नींबू निचोड़कर पीएं। खाने में प्रोसेस्ड फूड व फैट्स की मात्रा कम कर दें। स्ट्रेस से दूर रहने के लिए ध्यान और योग करें।
आंखें
क्या हो सकती हैं हेल्थ प्रॉब्लम्स: आंतों या जोड़ों की समस्याओं के अलावा, लिवर-किडनी व थायरॉइड की समस्या बयां करती हैं।
कहते हैं आंखें बोलती हैं, तभी तो आंखों का रंग, उनमें होनेवाले बदलाव, किसी तरह का धब्बा हमें हमारी स्वास्थ्य के प्रति सचेत करता है।
आंखों की पुतली: पुतली अगर सिकुड़ रही है, तो उसका कारण जोड़ों की समस्याएं हो सकती हैं, वहीं अगर उसमें स़फेद धब्बे दिखाई दे रहे हैं, तो शरीर में विटामिन्स की कमी हो सकती है व अगर पुतली के अगल-बगल में स़फेद रिंग दिखाई दे, तो वह ब्लड शुगर व कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का संकेत है। इसके लिए खाने में नमक और शक्कर की मात्रा कम कर दें।
बदलता रंग: आंखें अगर लाल हो जाएं, तो इसका मतलब आपको कोई ऑटो इम्यून डिसीज़ है या फिर आप डिप्रेशन के शिकार हैं। आंखों के पीलेपन का कारण कमज़ोर लिवर या लिवर की बीमारी हो सकती है।
आंखों के नीचे डार्क सर्कल्स: डार्क सर्कल्स या फिर पफी या बैगी आईज़ का कारण नींद पूरी न होना, ख़ून में आयरन की कमी, किडनी में गड़बड़ी आदि होने कि सम्भावना है।
हेल्थ टिप: आंखोें की पुतली की स्वास्थ्य के लिए खाने में नमक और शक्कर की मात्रा कम कर दें। बदलते रंग के लिए तुरंत आंखों के चिकित्सक से सम्पर्क करें। पफी व बैगी आईज़ के लिए पानी ज़्यादा पीएं। भोजन को ख़ूब चबा-चबाकर खाएं व 6-8 घंटे की भरपूर नींद लें। डार्क सर्कल्स के लिए डेयरी प्रोडक्ट्स व गेहूं से कुछ दिन दूर रहें।
गाल
क्या हो सकती हैं हेल्थ प्रॉब्लम्स: धीमा मेटाबॉलिज़्म, पोषक तत्वों की कमी, दिल और फेफड़ों की समस्याएं आदि की ओर इशारा करते हैं।
गालों की रंगत: गालों का रंग उड़ जाना या फिर गालों के पैची नज़र आने का कारण मेटाबॉलिज़्म का धीमा होना या फिर फॉलिक एसिड व आयरन जैसे पोषक तत्वों की कमी होने कि सम्भावना है। इसके अतिरिक्त गाल फेफड़ों और दिल की क्रियाओं से जुड़े होते हैं, इसलिए इनकी स्थिति गालों पर नज़र आती है, जैसा कि अगर आप हैवी वर्कआउट करें, तो गाल लाल हो जाते हैं।
कील-मुंहासे: फेफ़ड़ों की कमज़ोरी, हार्मोनल बदलाव, एलर्जी, पाचनक्रिया में गड़बड़ी व ब्लड प्यूरिफिकेशन ठीक न होने के कारण भी गालों पर कील-मुंहासे आ जाते हैं। इसके अतिरिक्त गंदे मोबाइल फोन, गंदा तकिया व बेडशीट भी मुंहासे के कारण हो सकते हैं।
हेल्थ टिप: गाल फेफड़ों को दर्शाते हैं, इसलिए गालों की गुलाबी रंगत बनाए रखना चाहते हैं, तो फेफड़ों को हेल्दी बनाए रखने पर ध्यान दें। खाने में गुड फैट्स को शामिल करें। रोज़ाना ब्रीदिंग एक्सरसाइज़ करें। मोबाइल फोन कोे साफ़ रखें, ज़्यादा देर बात करनी है, तो ईयरफोन प्रयोग करें। तकिये व बेडशीट्स को साफ़ रखें व बार-बार चेहरे को न छूएं।
नाक
क्या हो सकती हैं हेल्थ प्रॉब्लम्स: दिल संबंधी समस्याएं और फेफड़ों की समस्याएं। कील-मुंहासे: नाक पर होनेवाले कील-मुंहासों का कारण हाइ ब्लड प्रेशर या हार्ट प्रॉब्लम्स हो सकती हैं।
लाल नाक: अगर नाक बार-बार लाल हो जाती है या बहती रहती है, तो उसका कारण हार्ट प्रॉब्लम्स, हाइ ब्लड प्रेशर या लिवर डिसऑर्डर होने कि सम्भावना है।
हेल्थ टिप: खाने में फैटी एसिड युक्त एवोकैडो, अलसी, ऑलिव तेल आदि शामिल करें। अल्कोहल व मसालेदार खाने से दूर रहें।
जीभ
क्या हो सकती हैं हेल्थ प्रॉब्लम्स: टॉक्सिन की बढ़त और फेफड़ों की समस्याएं। जीभ पर बहुत ज़्यादा स़फेद धब्बों का मतलब है कि शरीर में टॉक्सिन की मात्रा बढ़ गई है।
हेल्थ टिप: ख़ुद को डिटॉक्स करें।
क्या हो सकती हैं हेल्थ प्रॉब्लम्स: हार्मोंस का असंतुलन।
पीरियड्स के दौरान बहुत-सी स्त्रियों की ठुड्डी के इर्द-गिर्द कील-मुंहासे हो जाते हैं। यह शरीर में होनेवाले हार्मोंस के असंतुलन के कारण होने कि सम्भावना है।
हेल्थ टिप: स्ट्रेस से दूर रहें। भरपूर नींद लें व एक्सरसाइज़ को अपने रूटीन में शामिल करें।
होंठ
क्या हो सकती हैं हेल्थ प्रॉब्लम्स: आंतों की समस्याएं, विटामिन बी की कमी, ख़ून की कमी, डिहाइड्रेशन, फेफड़ों और दिल संबंधी समस्याएं आदि।
होंठों में सूजन: इसका कारण आंतों में सूजन और जलन हो सकती है। इसके अतिरिक्त यह फूड सेंसिटिविटी के कारण भी होने कि सम्भावना है।
सूखे होंठ: आपके रूखे-सूखे होंठ साफ़ संकेत करते हैं कि आपको डिहाइड्रेशन, विटामिन बी की कमी या फिर आयरन की कमी हो सकती है। होंठ जब गुलाबी की बजाय पीले पड़ने लगें, तो समझ जाएं कि यह शरीर में ख़ून की कमी का परिणाम है। कमज़ोर फेफड़ों के कारण जब दिल तक पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाता, तब भी उसका प्रभाव रूखे-सूखे होंठों के रूप में दिखाई देता है।
फटे होंठ: होंठों के फटने का कारण किसी तरह की एलर्जी हो सकती है या फिर कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स के साइड इफेक्ट्स।
हेल्थ टिप: रोज़ाना 8-10 ग्लास पानी पीएं। अगर आपको लगता है कि ये डिहाइड्रेशन के कारण नहीं है, तो अपने फैमिली चिकित्सक को इस बारे में बताएं।
मुंह
क्या हो सकती हैं हेल्थ प्रॉब्लम्स: कमज़ोर लिवर, डायबिटीज़, पाचनक्रिया में गड़बड़ी, स्ट्रेस आदि।
सांसों की बदबू: अगर ठीक ओरल केयर के बावजूद आप सांसों की बदबू से परेशान हैं, तो होने कि सम्भावना है, इसका कारण ख़राब पेट, अपच या फिर लिवर की समस्या हो।
मुंह का सूखा रहना (ड्राय माउथ): वैसे तो मुंह के सूखे रहने या सलाइवा की कमी के कई कारण हैं,जैसे- डिहाइड्रेशन, बहुत ज़्यादा अल्कोहल,धूम्रपान आदि, पर साथ ही यह डायबिटीज़ के शुरुआती लक्षणों में से एक है।
मुंह में बार-बार छाले हो जाना: मुंह के अगल-बगल में कटना या मुंह में बार-बार छाले हो जाना आपकी रोगप्रतिरोधक शक्ति का कमज़ोर होना व शरीर में विटामिन बी की कमी दर्शाता है। इसके अतिरिक्त पाचन क्रिया में गड़बड़ी भी इसका कारण होने कि सम्भावना है।
हेल्थ टिप: सांसों की बदबू के लिए जहां आपको अपने डेंटिस्ट से मिलना होगा, वहीं डायबिटीज़ का सही-सही पता लगाने के लिए अपने फैमिली फिज़िशियन से मिलें। मुंह के छालों वकट के लिए विटामिन बी से भरपूर साबूत अनाज, हरी सब्ज़ियां व मीट को अपने डायट में शामिल करें।