फिरोजाबाद: जिला अस्पताल के सरकारी ट्रामा सेंटर में जिस तरह से बाहरी लोग रात हो या दिन डेरा जमाये बैठे रहते हैं उससे कहीं न कहीं नुकसान यहां आपात स्थिति में आने वाले मरीजों का ही होता है। अंदरखाने सूत्रों से कई दिनों से जानकारियां मिल रहीं थीं कि यहां इलाज को आने वाले मरीजों को प्राइवेट अस्पतालों में अच्छा खासा कमीशन पाने को इन बाहरी लोगों के माध्यम से भेजा जाता है।
जिसका बीते रात से सुबह तक हुये घटनाक्रम में एक उदाहरण भी सामने आ गया। जिसमें थाना मटसैना क्षेत्र जेदामई निवासी 60 वर्षीय भूरी सिंह को बीते रात नौ बजे पेट में दर्द होने पर परिजन जिला अस्पताल के सरकारी ट्रामा सेंटर लेकर आये, जहां सवा दस बजे रजिस्टर में एंट्री हुयी। परिजनों में अनुज नामक व्यक्ति ने बताया कि यहां एक भोला नामक व्यक्ति व दूसरा अजय है तीन चार लोग थे, कहा कि यहां कोई इलाज नहीं है आप कलावती स्कूल के पास मां कैला देवी हास्पीटल ले जाओ। एम्बुलेंस से वहां भिजवा दिया।
बताया कि वहां हास्पीटल के अंदर ही स्थित लैब में जांचों के नाम पर दस हजार रूपये खर्च करा लिये और सुबह पांच बजे वहां से बाहर निकाल दिया। फिर दुबारा जिला अस्पताल के ट्रामा सेंटर लेकर आये। बताया कि सीएमओ साहब को फोन किया तो बोले लिखित में दो। फिलहाल सरकारी ट्रामा सेंटर में जो हालात हैं वह बहुत ही लापरवाही भरे हैं। जिन पर जिला अस्पताल प्रशासन द्वारा कोई रोक वर्तमान में तो नहीं लगाई जा रही है।
रिपोर्ट-फरमान ‘बबलू’