पाक के सर्वोच्च कोर्ट ने मंगलवार को तीन याचिकाओं पर विचार किया, जिनमें वीडियो लीक टकराव में गहन जाँच की मांग की गई है। इस वीडियो लीक मुद्दे में जवाबदेही न्यायालय के न्यायाधीश अरशद मलिक शामिल है। मलिक पर ‘दबाव के तहत’ पूर्व पीएम नवाज शरीफ को करप्शन मुद्दे में दोषी करार देने का आरोप है। डॉन न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, न्यायाधीश मलिक के विरूद्ध आरोप शरीफ की बेटी मरियम नवाज और पाक मुस्लिम लीग नवाज (पीएमएल-एन) के अन्य नेताओं ने लगाए हैं।मरियम ने वीडियो जारी किए हैं जो कथित तौर पर उनके दावे को साबित करते हैं कि मलिक ने उनके पिता के विरूद्ध दबाव में निर्णय सुनाया था। हालांकि, न्यायाधीश ने किसी तरह के दबाव से मना किया व इसके उलट नवाज शरीफ और पीएमएल-एन पर खुद को ‘रिश्वत, धमकी दिए जाने’ का आरोप लगाया।
बीते सप्ताह, इस्लामाबाद हाई कोर्ट (आईएचसी) ने शीर्ष न्यायालय से सलाह के बाद न्यायाधीश मलिक को हटा दिया। पाक के प्रधान न्यायाधीश आसिफ खोसा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय सर्वोच्च कोर्ट की पीठ ने मंगलवार को पहले एक एडवोकेट की याचिका पर सुनवाई की।
डॉन न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, जैसे ही सुनवाई प्रारम्भ हुई याचिकाकर्ता के एडवोकेट ने पीठ से बोला कि वीडियो लीक स्कैंडल ने न्यायपालिका पर सवाल खड़ा किए दिए हैं। उन्होंने बोला कि सभी राजनीतिक दलों और पाक के वकीलों ने वीडियो लीक स्कैंडल के जाँच की मांग की है।
उन्होंने बोला कि पीएम इमरान खान ने भी बोला है कि न्यायपालिका को मुद्दे पर ध्यान देना चाहिए। एडवोकेट ने न्यायालय से मुद्दे की जाँच के लिए एक आयोग गठित करने की मांग की, भले ही यह एक सदस्यीय आयोग ही क्यों न हो।