छाई सुस्ती की वजह से पेट्रोलियम की डिमांड कम हो गई है। इसकी वजह से अंतरराष्ट्रीय मार्केट में कच्चे ऑयल की मूल्य में लगातार गिरावट आई है। इसका सीधा प्रभाव पर दिख रहा है। कीमतें लगातार गिर रही हैं। अगस्त महीने में अब तक पेट्रोल करीब 1 रुपये व डीजल करीब 80 पैसे प्रति लीटर तक सस्ता हुआ है। आखिरी बार पेट्रोल को महंगा हुआ था। इस महीने में अब तक पेट्रोल का रेट बढ़ा नहीं है।
दरअसल, आर्थिक सुस्ती की वजह से चीन, भारत, जर्मनी जैसे राष्ट्रों में प्रोडक्शन पर बहुत ज्यादा प्रभाव पड़ा है। प्रोडक्शन घटने से डिमांड भी कम हुआ है। आर्थिक सुस्ती के लिए चाइना व अमेरिका के बीच जारी ट्रेड वार प्रमुख वजहों में एक है। हालांकि, सस्ता पेट्रोलियम हिंदुस्तान के लिए सकारात्मक इशारा है, क्योंकि हिंदुस्तान आवश्यकता का 80 प्रतिशतऑयल आयात करता है। अगर इसकी मूल्य बढ़ती है तो महंगाई तुरंत बढ़ने लगती है।
अंतर्राष्ट्रीय मार्केट में कच्चे ऑयल की मूल्य में गिरावट का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इस महीने अब तक मूल्य में सात डॉलर प्रति बैरल से ज्यादा गिरावट दर्ज की गई है। बेंचमार्क कच्चा ऑयल ब्रेंट क्रूड का भाव 31 जुलाई को 65.17 डॉलर प्रति बैरल था, जबकि बीते कारोबारी हफ्ते के आखिरी सत्र में शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय वायदा मार्केटइंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज पर बेंट क्रूड का अक्टूबर डिलीवरी वायदा अनुबंध 58.64 डॉलर प्रति बैरल पर बंद हुआ। जानकारों का बोलना है कि आर्थिक सुस्ती वैसे बनी रहेगी। इसलिए, पूरी आसार है कि पेट्रोल-डीजल व सस्ता होगा।