बच्चों में गलत खान-पान की आदतें कैसे आती है. गुरु और बुध को मुख्य रूप से दूसरे भाव का कारक माना जाता है. गुरु और बुध नीच राशि मे होने से या पीड़ित होने से खान पान की समस्या हो जाती है. कुंडली के दूसरे घर में राहु केतु या शनि मंगल के होने से खान में अक्सर बच्चे गड़बड़ी कर देते है कुंडली के दूसरे भाव मे गुरु राहु की युति भी दूसरे भाव को खराब करती है.
खान-पान की आदतों में कैसे सुधारें-
जहां तक हो सके जंक फूड से बच्चों को परहेज करवाएं. बच्चों के खाने में हरी पत्तेदार सब्जियां जरूर शामिल करें. दोपहर के समय बच्चों को फल जरूर खिलाएं. बच्चों को खटाई और आर्टिफिशियल रंग और स्वाद वाली चीजों से दूर रखने का प्रयास करें. बच्चों को घर का सादा भोजन कराने की आदत डालें.
कैसे मंत्र दूर करेंगे खान पान की समस्याएं-
सुबह के समय भगवान सूर्य नारायण के मंत्र ॐ घृणि सूर्याय नमः मन्त्र का 27 बार जाप कराएं. तांबे के लोटे से जल में गुड़ मिलाकर भगवान सूर्य को जल अर्पण कराएं. रात को सोने से पहले ॐ मंत्र का उच्चारण 11 बार अवश्य करें. घर में अपने कुलगुरु या ईष्ट का मन्त्र जाप भी कराएं.
खान पान की समस्या को दूर करने का महाउपाय-
हर रोज सुबह के समय जल्दी उठे और एक तांबे के लोटे में शुद्ध जल भरें. आसन पर बैठकर भगवान सूर्यनारायण को नमस्कार करें तथा गायत्री मन्त्र का 108 बार जाप करें. अपनी समस्याओं को खत्म करने की प्रार्थना भी करें तथा यह जल अपने बच्चों को पिलाएं. इसके अलावा घर की उत्तरपूर्व दिशा में ज्यादा वजन न रखें और पूर्व दिशा में लोहे का सामान न रखें. घर मे समय समय पर बच्चों की पसंद का खाना भी अवश्य बनाएं.