बारिश में मिट्टी की सौंधी-सौंधी खुशबू भला किसका मन नहीं मोह लेती. चारों तरफ हरे खिले-खिले पेड़ मन में नयी ऊर्जा व उमंग का संचार करते हैं. गर्मी से राहत के बीच चटपटे पकवान खाने की तलब भी बढ़ जाती है. हालांकि मानसून के आगमन के साथ ही तैलीय-चिपचिपी त्वचा, कील-मुंहासों व संक्रमण का खतरा भी बढ़ जाता है.ऋचा अग्रवाल, मल्लिका गंभीर व रजत कंधारी जैसे जाने-माने स्कीन रोग विशेषज्ञ इसी के मद्देनजर मानसून में प्रतिदिन कम से कम दो से तीन बार चेहरे को अच्छे से साफ करने वप्राकृतिक चीजों से तैयार मॉश्चराइजर के जरिये स्कीन को नियंत्रित मात्रा में महत्वपूर्ण नमी प्रदान करने की नसीहत देते हैं.।
1. प्राकृतिक मॉश्चराइजर बेहतर
एलोवेरा कारागार में दो से चार बूंद गुलाबजल मिलाकर दिन में दो से तीन बार लगाएं ‘ ऑर्गेनिक नारियल के ऑयल व ऑलिव तेल से मालिश भी अच्छा विकल्प ‘ बेसन, हल्दी, गुलाबजल व नींबू के रस से तैयार फेसपैक लगाना लाभकारी ‘ गर्म पानी से नहाने से बचें, दिन भर में कम से कम आठ गिलास पानी जरूर पिएं
2. नमी बनाए रखना भी अहम
चेहरे पर झुर्रियों, धारियों व रुखेपन की समस्या से बचने के लिए स्कीन की नमी बनाए रखना भी महत्वपूर्ण है. हालांकि इसके लिए तैलीय क्रीम या लोशन का सहारा लेने से बचें.
3. इसलिए महत्वपूर्ण है टोनिंग
स्कीन में जमी गंदगी, अलावा नमी व मृत कोशिकाओं को हटाने के साथ ही रोम छिद्रों को बंद करती है टोनिंग. कील-मुंहासों, दाग-धब्बों व संक्रमण की शिकायत दूर रहती है.
4. घर पर बनाएं टोनर
खीरे के रस में आठ से दस बूंद गुलाबजल मिलाएं, दिन में दो बार रुई में लगाकर चेहरा साफ करें ‘ ग्रीन टी, गुलाबजल, संतरे के जूस व खीरे के रस को समान मात्रा में मिलाकर आइस-ट्रे में जमाएं, रोज सुबह-शाम इसके टुकड़े चेहरे पर रगड़ें ‘ समय-समय पर ठंडे पानी से चेहरा धोते रहने से रोमछिद्र बंद होते हैं, ऑयल का स्त्राव भी घटता है ‘ ठंडा दूध भी बेहतरीन टोनर का कार्य करता है, रोमछिद्रों में जमी गंदगी साफ करने के साथ ही स्कीन को नमी देता है