पारले बिस्कुट बनाने वाली कंपनी मंदी की मार पड़ने के कारण 10,000 कर्मचारियों की छटनी करने वाली है। कंपनी के एक अधिकारी की माने तो मौजूदा आर्थिक स्थिति को लेकर कंपनी 10,000 कर्मचारियों की छटनी कर सकती है। ग्रामीण क्षेत्र के संकट के कारण फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स यानी तीव्र गतिशीलता वाली उपभोक्ता वस्तुओं (एफएमसीजी) की बिक्री पर पिछली कुछ तिमाहियों से काफी असर पड़ा है। उपभोग में सुस्ती के कारण हिंदुस्तान यूनीलीवर, नेस्ले जैसी कंपनियों की वित्तीय रिपोर्ट में वृद्धि दर कमजोर बताई गई है।
पारले प्रोडक्ट्स के प्रमुख मयंक शाह ने कहा कि अगर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत कर में राहत नहीं मिली तो कंपनी को 8,000 से 10,000 कर्मचारियों की छटनी करनी पड़ सकती है। ऑटो सेक्टर के अलावा, एफएमसीजी सेक्टर पर भी आर्थिक सुस्ती का जबरदस्त असर पड़ा है। हिंदुस्तानी लीवर की बिक्री में बीती तिमाही (मार्च-जून) के दौरान काफी गिरावट दर्ज की गई। कंपनी ने कहा कि समष्टीय आर्थिक स्थितियों के कारण अल्प काल में मांग कमजोर रहेगी।
ग्रामीण क्षेत्र का संकट एक प्रमुख कारण है जिससे कंपनी की बिक्री उत्साहवर्धक नहीं रही है। संकटग्रस्त कृषि क्षेत्र में सुधार का एफएमसीजी उद्योग पर सकारात्मक असर होगा। आईटीसी ने अपनी तिमाही वित्तीय नतीजे जारी करते हुए कहा, “एफएमसीजी के शहरी और ग्रामीण बाजारों में सुस्ती के बीच एफएमसीजी व अन्य सेगमेंट का प्रदर्शन लचीला रहा है।”
मैगी नूडल्स और कॉफी बनाने वाली कंपनी नेस्ले इंडिया ने कहा, “हमें मैगी, किटकट और मंच समेत अन्य उत्पादों का प्रदर्शन मजबूत रहने पर गर्व है। हालांकि वस्तुओं की कीमतों और मांग की राह में बाधाओं को लेकर स्थिति चुनौतीपूर्ण बनती जा रही है।”