सुप्रीम न्यायालय द्वारा शुक्रवार (2 अगस्त, 2019) को यह कहे जाने के बाद कि मध्यस्थता पैनल रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद टकराव का हल नहीं तलाश सका, यूपी के सीएमयोगी आदित्य नाथ ने शनिवार (3 अगस्त, 2019) को बोला कि उन्हें पहले ही मालूम था कि यह प्रयास नाकाम होगी. अयोध्या में संत-महात्माओं की सभा में मुख्यमंत्री योगी ने कहा, ‘हम लोग पहले से जानते थे कि मध्यस्थता से अब कुछ होने वाला नहीं है. लेकिन अच्छा है…प्रयास हो तो अच्छी बात है. महाभारत के पहले भी बड़े मध्यस्थता कराने वाले कोशिश हुए थे. मगर उसका परिणाम फिर विफल रहा.’
प्रदेश के सीएम परमहंस रामचंद्र दास की 16वीं पुण्यतिथि के मौके पर एक प्रोग्राम में भाग लेने पहुंचे थे. जहां उन्होंने अयोध्या मध्यस्था पर अपनी बात रखी. बता दें कि परमहंस रामचंद्र दास अयोध्या में विवादित जगह पर राम मंदिर के निर्माण के प्रबल पैरोकार थे. जानना चाहिए कि बीते शुक्रवार को उच्चतम न्यायालय ने बोला कि वह बाबरी मस्जिद-रामजन्मभूमि धरती टकराव पर निर्णय करने के लिए छह अगस्त से प्रतिदिन सुनवाई करेगा क्योंकि मध्यस्थता से टकराव हल होनी की प्रयास विफल हो गई.
सुप्रीम न्यायालय ने मार्च में एक पूर्व न्यायाधीश एमएम आई खलीफुल्ला की प्रतिनिधित्व में तीन सदस्यीय समिति का गठन किया था. जिससे अयोध्या टकराव का निपटारा आपसी वार्ता से किया जा सके. अब प्रतिदिन सुनवाई के उच्चतम न्यायालय के निर्णय पर मुख्यमंत्री योगी ने बोला कि उन्हें विश्वास है कि लोगों की भावनाओं का सम्मान किया जाएगा.
सीएम ने आगे बोला कि राम मंदिर निर्माण का अभियान जनांदोलन था व उन्होंने इस विषय में परमहंस रामचंद्र दास की भी खूब तारीफ की. उन्होंने कहा, ‘हम इस कलयुग में अयोध्या का विकास कर रहे हैं जबकि अयोध्या त्रेत्रायुग में था.’ मुख्यमंत्री ने इस दौरान शहर में 130 करोड़ रूपए की लागत की परियोजनाओं का निरीक्षण भी किया व बोला कि उन्होंने अयोध्या के विकास व उसकी पर्यटन संभावनाओं पर संतों व अधिकारियों से वार्ता की है.