• पूरे देश में कर्पूरी ठाकुर को आदर्श मानते हुए कर्पूरी ठाकुर फार्मूला लागू करने की मांग
लखनऊ। पसमांदा मुस्लिम समाज कार्यालय में आज बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय कर्पूरी ठाकुर की जयंती हर्षोल्लास के साथ मनायी गई, संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष पूर्व मंत्री अनीस मंसूरी की अध्यक्षता में एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। गोष्ठी से पूर्व स्वर्गीय कर्पूरी ठाकुर के चित्र पर माल्यार्पण तथा पुष्पांजलि अर्पित कर खिराजे अक़ीदत पेश करते हुए उनकी 101वीं जयंती की मुबारकबाद दी।
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अनीस मंसूरी ने गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए कहा कि भारत के स्वतंत्रता सेनानी, शिक्षक, राजनीतिज्ञ तथा बिहार राज्य के दूसरे उपमुख्यमंत्री तथा दो बार मुख्यमंत्री थे।लोकप्रियता के कारण उन्हें ‘जननायक’ कहा जाता है। 24 जनवरी 2024को भारत सरकार ने उन्हें मरणोपरान्त भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारतरत्न से सम्मानित करने की घोषणा की। ऐसे थे भारत रत्न कर्पूरी ठाकुर …। दो बार CM रहे, तीन दशक तक सियासत की… फिर भी वसीयत में सिर्फ झोपड़ी छोड़ गए थे।
सामाजिक न्याय के पुरोधा और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर की आज 101वीं जन्म जयंती है। एक वर्ष पहले ही भारत सरकार ने कर्पूरी ठाकुर को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किए जाने की घोषणा की है। दिवंगत कर्पूरी ठाकुर अपने सागदीपूर्ण जीवन के कारण जननायक के नाम से मशहूर थे। अपने जीवन में उन्होंने एक चुनाव के अलावा सारे चुनावों में जीत हासिल की। इस रिकॉर्ड से ज़्यादा शानदार है उनकी सादगी और संघर्ष का रिकॉर्ड। उन्होंने कहा कि संघर्षों के बीच उनकी राजनीति निखरती गई, उनके निजी गुण सबके सामने आते गए और उनके बुनियादी राजनीतिक विचारों की स्वीकार्यता बढ़ती चली गई।
अनीस मंसूरी ने कहा कि स्वर्गीय कर्पूरी ठाकुर जी ने अपना सम्पूर्ण जीवन गरीबों, शोषितों, मज़लूमों, पिछड़ों, और अति पिछड़ों के उत्थान के लिए समर्पित किया था केंद्र और राज्य सरकारों को चाहिए कि पुरे देश में कर्पूरी ठाकुर को आदर्श मानते हुए कर्पूरी ठाकुर फार्मूला लागू करे।
रिपोर्ट-दया शंकर चौधरी