बाराबंकी। रामसनेहीघाट थाना क्षेत्र के धारूपुर गांव Dharupur village में एक मकान में संचालित पटाका फैक्ट्री में हुए विस्फोट से 3 लोगों की मौत हो और आधा दर्जन से अधिक घायल हैं। इसके विपरीत गांव वालों का कहना है धमाके के बाद से कई लोग घायल हैं। घटना के बाद से जिला प्रशासन का कोई भी अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नही है।
धमाके से आसपास के आधा दर्जन मकान क्षतिग्रस्त
ज्ञात हो कि धारूपुर गांव जिस दो मंजिला मकान में फैक्ट्री संचालित हो रही थी वह विफट के बाद पूरी तरह से ध्वस्त हो गया। जबकि धमाके से आसपास के आधा दर्जन मकान क्षतिग्रस्त हो गए। धमाका इतना जबरदस्त था कि धमाके के दौरान एक व्यक्ति का क्षत-विक्षत शव उछलकर बाहर आ गिरा। फायर ब्रिगेड कर्मियों ने जैसे तैसे आग को बढ़ने से रोका। माकन के मलबे में दबे पड़े आधा दर्जन लोगों को गंभीर हालत में अस्पताल भेजा गया। घटना की जानकारी होते ही कमिश्नर व डीआईजी ने खुद धटना स्थल पहुंचकर जायजा लिया था और मौके पर मौजूद जिला प्रशासन जौरी निर्देश दिए।
घरों में ही अवैध रूप से फैक्ट्री संचालित
जानकारी के मुताबिक धारूपुर गांव में आतिशबाजी के तीन लाइसेंसी हसीब, शब्बीर व जाहिद हैं। तीनों ने गांव से बाहर कोठरी बनाकर उसी में कारोबार करने की बात विभाग से कही थी,लेकिन सभी अपने घरों से पटाखा फैक्ट्री संचालित करते रहे थे और गोदाम भी घर पर ही बना रखा था। मंगलवार की शाम अचानक हसीब के घर पर धमाका हुआ जिससे पूरा गांव हिल गया। लोग कुछ समझ पाते इससे पहले धमाकों पर धमाके होने लगे। कुछ ही देर में आग की लपटें उठने लगीं। घर के अंदर से चीखें भी आ रही थीं। मौके पर पहुंची पुलिस भी लगातार हो रहे विस्फोट के कारण बेबस दिखी। इस दौरान दो मंजिले मकान के आसपास बने रामू वैश्य, कमलेश, जैसराम, नरपति, नन्हे के मकान भी क्षतिग्रस्त हो गए। करीब तीन घंटे तक लगातार विस्फोट होते रहे।
मरने वालों और घायलों की संख्या में खेल
विस्फोट में तीन लोग मरे हैं, जबकि आधा दर्जन लोग घायल हो गए हैं। घायलों का उपचार जिला अस्पताल में हो रहा है। हालांकि जिला प्रशासन ने अभीतक दो लोगों के मरने की पुष्टि की है। घटना में जिन दो लोगों की मौत हुयी है उसमें पटाखा फैक्ट्री के बगल रहने वाले मो. वैस और पटाखा बनाने वाला गुलौली गांव का सूरज शामिल हैं। वहीं विफट की घटना में मो. वैस की पत्नी मेहर जहां, मिथुन, सहजराम और राधा घायल हुए हैं। इसके विपरीत गांव वालों का कहना है कि पटाखा फैक्ट्री में गांव के बहार से भी कई लोग काम करने आते थे। उनमें से भी कई लोग घटना के बाद से गायब हैं।
घटना के पूर्व तीन बार घटित हो चुकी है विस्फोट की घटना
उधर गांव वालों का कहना है कि कई बार गांव के अंदर ही पटाखा बनाने की शकायत करने के बाद भी जिला और पुलिस प्रशासन द्वारा कोई कार्यवाई नहीं की गयी। गांव वालों के मुताबिक घटना के पूर्व भी तीन बार ऐसी ही घटना घटित हो चुकी है जिसके बाद भी जिला प्रशासन लापरवाह बना हुआ है।