राजस्थान सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की जयंती पर कांग्रेस के घोषणा-पत्र में किए गए वादे पर अमल करते हुए यह फैसला लिया है कि प्रदेश में अब राशन की दुकानों के आवंटन में महिलाओं को 30 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा.
इस फैसले के बाद प्रदेश में अब सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत उचित मूल्य की दुकानों के आवंटन में 30 प्रतिशत दुकानें महिलाओं के लिए आरक्षित होंगी. इसके लिए मुख्यमंत्री ने उचित मूल्य दुकान आवंटन नीति में संशोधन को मंजूरी दे दी है.
कांग्रेस के जनघोषणा-पत्र में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत महिलाओं को दुकान आवंटन में आरक्षण देने की घोषणा की गई थी. सरकार का दावा है कि दो साल से कम समय में जनघोषणा-पत्र की 501 घोषणाओं में से अब तक 257 वादों को पूरा किया जा चुका है. वहीं, 176 घोषणाओं पर काम चल रहा है. उचित मूल्य दुकान आवंटन नीति में किए गए संशोधन के अनुसार नवसृजित सहित सभी रिक्तियों में बेरोजगार महिलाओं के लिए 30 प्रतिशत आरक्षण रखा जाएगा. यह वर्तमान और भविष्य में जारी होने वाली सभी रिक्तियों में लागू होगा.
इसके अलावा जनजाति उपयोजना-टीएसपी के क्षेत्रों में कुल रिक्तियों में से 45 प्रतिशत रिक्तियां एसटी और 5 प्रतिशत एससी स्थानीय सदस्यों के लिए होंगी. जनजाति उपयोजना के अनुसूचित क्षेत्रों की महिलाओं को दिया जाने वाला 30 प्रतिशत आरक्षण अनारक्षित वर्ग के 50 प्रतिशत में, अनुसूचित जनजाति के 45 प्रतिशत में और अनुसूचित जाति के 5 प्रतिशत निर्धारित कोटे में ही दिया जाएगा.
वहीं बारां जिले के किशनगंज और शाहबाद तहसील क्षेत्रों की कुल रिक्तियों में से 45 प्रतिशत दुकानें स्थानीय सहरिया आदिम जनजाति और 5 प्रतिशत स्थानीय एससी के आवेदकों को आवंटित की जाएंगी. शेष 50 प्रतिशत रिक्तियां अनारक्षित वर्ग के लिए होंगी. उल्लेखनीय है कि सीएम अशोक गहलोत ने गुरुवार को ही गर्भवती महिलाओं के लिये इंदिरा गांधी मातृत्व पोषण योजना को भी लॉन्च की है. इस योजना के तहत गर्भवती महिलाओं को वित्तीय सहायता का प्रावधान किया गया है.