Breaking News

टाइट जींस पहन लगातार 8 घंटे चलाई कार, आया हार्ट अटैक, बाल-बाल बची जान

टाइट जींस या पैंट पहनना आज के समय में फैशन सा ही बना है। लेकिन यही टाइट जींस आपकी जान भी ले सकती है। ऐसा ही मामला दिल्ली में सामने आया। दिल्ली के ही पीतमपुरा निवासी 30 वर्षीय सौरभ कुछ समय पहले टाइट जींस पहन अपनी नई कार से दोस्तों के साथ ऋषिकेश के लिए रवाना हुए थे। करीब चार से पांच घंटे की यात्रा करने के बाद उन्हें पैर सोने का एहसास हुआ, लेकिन दोस्तों का साथ होने की वजह से उन्होंने इस पर गौर नहीं किया।

तीन दिन बाद वापस दिल्ली आने के बाद उन्हें सांस फूलने में तकलीफ हुई तो अस्पताल पहुंचने पर पता चला कि उन्हें हार्ट अटैक आया है। शालीमार बाग स्थित मैक्स अस्पताल आने के बाद डॉक्टरों ने पल्मोनरी इम्बॉल्मिंग (पीई) की पुष्टि की। पल्मोनरी इम्बॉल्मिंग (पीई) एक ऐसी स्थिति है जिसमें टाइट कपड़े या लंबे समय तक एक ही स्थान पर बैठे रहने से रक्त संचार शरीर में रुकता है और रक्त का थक्का जमने लगता है। ऐसा होने से इंसान को दिल या दिमाग का अटैक आ सकता है।

फेफड़ों में जब रक्त संचार रुकने लगता है तो मरीज जानलेवा स्थिति में आ जाता है। भारत में हर साल करीब 10 लाख मामले ऐसे सामने आ रहे हैं। खुद मैक्स अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि उनके यहां हर महीने एक या दो मामले आ ही जाते हैं।

नीला पड़ गया था शरीर, नहीं मिला बीपी

मैक्स अस्पताल के वरिष्ठ डॉ. नवीन भामरी बताते हैं कि जब सौरभ अस्पताल आए, उस वक्त उनका पल्स 10-12 प्रति मिनट था। बीपी तो पता ही नहीं चल रहा था। शरीर नीला पड़ गया था। 45 मिनट तक डॉक्टरों ने अपने दोनों हाथों से छाती दबाते हुए सीपीआर दिया था। इसके बाद ईको से पता चला कि दिल का दायां चैंबर फैल गया और वे पल्मोनरी इम्बॉल्मिंग की स्थिति में थे। टीम ने तत्काल थ्रोम्बोलाइटिक एजेंट देकर तेजी से पूरे शरीर में थ्रोम्बोलाइसिस किया, क्योंकि उस वक्त दिल की हालत को और बिगडने से रोकने का यही उपाय था। 24 घंटे तक डायलिसिस पर रखना पड़ा था। डॉ. भामरी ने बताया कि सौरभ टाइट जींस पहनकर 8 घंटे तक ड्राइव कर रहा था। इस पर जब बाद में अध्ययन किया तो वजह यही सामने आई।

डॉक्टरों के अनुसार लंबी अवधि तक निचले अंगों का न चलना, डिहाइड्रेशन इत्यादि पल्मोनरी इम्बॉल्मिंग के संकेत हो सकते हैं। जो लोग बीड़ी-सिगरेट या एल्कोहल का सेवन करते हैं, उनमें इसकी आशंका ज्यादा होती है। इसलिए लंबी अवधि तक बैठे रहने से कतराएं, ज्यादा से ज्यादा दो घंटे तक बैठने के बाद व्यायाम के लिए थोड़ा बहुत चलना चाहिए। डॉक्टरों के अनुसार पल्मोनरी इम्बॉल्मिंग को लेकर देश में व्यापक शोध और जागरुकता का अभाव है। सरकार से लेकर आम लोगों तक हर किसी को इस स्थिति के लिए जागरूक रहने की आवश्यकता है, क्योंकि अगर ये स्थिति आती है तो बड़े अस्पताल में ही उपचार संभव है।

About Aditya Jaiswal

Check Also

आईआईटी बीएचयू में काव्य संध्या का आयोजन, कवि ज्ञानेंद्रपति ने बताया भाषायी समृद्धि का मार्ग

वाराणसी। आईआईटी बीएचयू में शुक्रवार शाम काव्य संध्या हुई। साहित्य अकादमी से पुरस्कृत कवि ज्ञानेंद्रपति ...