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यहाँ कोरोना वायरस ने 24 घंटे में करीब 248 लोगो को उतारा मौत के घाट, सरकार ने उठाया ये कदम…

कोरोना वायरस ने 2020 को सबसे बड़ा हमला किया. इस हमले में उसने एक दिन में सबसे ज्यादा लोगों को मौत के घाट उतार दिया.  फरवरी को पूरे 24 घंटे में चीन के हुबेई प्रांत में कोरोना वायरस की वजह से सबसे ज्यादा 248 मौतें हुईं. इसके पहले किसी भी दिन इतनी ज्यादा मौतें नहीं हुई थीं. यानी हर घंटे करीब 10 मौतें. इसी राज्य की राजधानी है वुहान जहां से कोरोना वायरस फैला है.

कोरोना वायरस की वजह से पूरी दुनिया में अब तक 60,384 लोग संक्रमित हो चुके हैं. इनमें से 59,804 संक्रमित लोग तो सिर्फ चीन में ही हैं. दुनिया भर में कोरोना वायरस की वजह से अब तक 1369 लोग मारे जा चुके हैं. इनमें से 1367 तो सिर्फ चीन में ही मारे गए हैं. अब जापान ने भी अपने यहां एक कोरोना वायरस पीड़ित के मरने की पुष्टि की है.

चीन ने हुबेई प्रांत में तो कई बड़े अधिकारियों का तबादला कर दिया है. क्योंकि ये लोग बीमारी को संभाल पाने में सफल नहीं हुए. आपको बता दें कि कोरोना वायरस सार्स से भी ज्यादा खतरनाक हो चुका है.

2003 में फैले सार्स (SARS) से कुल 8437 लोग संक्रमित हुए थे. जबकि 813 लोग मारे गए थे. यानी कुल संक्रमित लोगों में से 10 फीसदी लोगों की मौत हुई थी. 2009 में फैले स्वाइन फ्लू से पूरी दुनिया की 20 फीसदी आबादी संक्रमित हुई थी. जबकि 2,84,500 लोगों की मौत हुई थी. यह दुनिया की सबसे खतरनाक महामारियों में से एक थी.

2012 में फैली महामारी मर्स (MERS) से कुल 2,494 लोग बीमार हुए थे. इनमें से 858 लोगों की मौत हो गई थी. यानी कुल संक्रमित लोगों में से 34.4 फीसदी लोग मारे गए थे. 1976 में फैले इबोला (EBOLA) से अब तक कुल 34,453 लोग संक्रमित हुए हैं. इनमें से 15,158 लोगों की मौत हुई है. यानी कुल बीमार लोगों में से अब तक 43.9 फीसदी लोग मारे गए.

1981 से लेकर अब तक दुनिया की सबसे खतरनाक महामारी HIV/AIDS की वजह से कुल 3.60 करोड़ लोग मर चुके हैं. अब पूरी दुनिया में करीब 3.50 करोड़ लोग HIV से संक्रमित हैं.

फ्लू (FLU) ऐसी महामारी है जिसने दुनिया को कई बार डराया और लाखों लोगों की जान ली. 1968 में हॉन्गकॉन्ग फ्लू के नाम से कुख्यात इस महामारी ने कुल 10 लाख लोगों की जान ली है. 1918 से 1920 के बीच इसी महामारी की वजह से 2 से 5 करोड़ लोगों के मरने की सूचना नेट पर है.

एशियन फ्लू (Asian Flu) की वजह से 1956 से 1958 के बीच पूरी दुनिया में करीब 20 लाख लोगों की मौत हुई थी. ये सारी मौतें हॉन्गकॉन्ग, सिंगापुर, चीन और अमेरिका में हुई थीं. मरने वालों में से करीब 70 हजार लोग तो सिर्फ अमेरिका से थे. 1910 से 1922 में आधी दुनिया में फैला था कॉलेरा (Cholera). कॉलेरा की वजह से मिडिल ईस्ट, उत्तरी अमेरिका, पूर्वी यूरोप और रूस में करीब 8 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी.

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