अक्सर हमारे पूर्वजों को मटके के पानी इन गुणों के बारे में पता था, यही कारण है कि वे इन मिट्टी के बर्तनों का ही उपयोग करते थे। अब भी कुछ घरों में पुराने नियमों का पालन किया जाता है और रेफ्रिजेरेटर का उपयोग करने के बजाय इन बर्तनों में पानी रखने को प्राथमिकता देते हैं। गर्मी में मटके का पानी जितना ठंडा और सुकूनदायक लगता है, स्वास्थ्य के लिए भी उतना ही फायदेमंद भी होता है। आयुर्वेद डॉक्टर के अनुसार मटके का पानी कई फायदे देता है….
मिट्टी के बर्तन से पानी पीने का सबसे बड़ा लाभ यह है कि इसमें किसी भी प्रकार के हानिकारक रसायनों का डर नहीं है। प्लास्टिक की बोतलों में एक शक्तिशाली जहरीला रसायन बीपीए के कारण अंत:स्रावी व्यवधान का डर होता है जो कि मिट्टी के बर्तनों में नहीं होता है। मिट्टी के बर्तन में प्रदूषण की संभावनाएं लगभग अनुपस्थित होती हैं। मिट्टी के बर्तनों में पानी भंडारण इसलिए करना चाहिए क्योंकि यह न केवल पानी को समृद्ध करता है बल्कि यह भी सुनिश्चित करता है कि यह दूषित नहीं है।
-मटके का पानी प्राकृतिक तौर पर ठंडा होता है, जबकि फ्रिज का पानी बिजली की मदद से। ऐसे में एक बड़ा फायदा यह भी है कि इसमें बिजली की बचत भी होती है, और मटके बनाने वालों को भी लाभ होगा।
-मिट्टी के घड़े का पानी पीना सेहत के लिए फायदेमंद है। इसका तापमान सामान्य से थोड़ा ही कम होता है जो ठंडक तो देता ही है। यह पाचन की क्रिया को बेहतर बनाने में मदद करता है। इसे पीने से शरीर में टेस्टोस्टेरॉन का स्तर भी बढ़ता है।
-इसमें मृदा के गुण भी होते हैं जो पानी की अशुद्धियों को दूर करते हैं और लाभकारी मिनरल्स प्रदान करते हैं। ऐसे में शरीर को विषैले तत्वों से मुक्त कर आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर बनाने में यह पानी फायदेमंद होता है।
-फ्रिज के पानी की अपेक्षा यह अधिक फायदेमंद है क्योंकि इसे पीने से कब्ज और गला खराब होने जसी समस्याएं नहीं होती। इसके अलावा मटके का पानी ही सही मायने में शरीर को ठंडक देता है।
-इस पानी का पीएच संतुलन सही होता है। मिट्टी के क्षारीय तत्व और पानी के तत्व मिलकर उचित पीएच बेलेंस बनाते हैं, जो शरीर को किसी भी तरह की हानि से बचाते हैं और संतुलन बिगडऩे नहीं देते।