रिपोर्ट-डॉ. दिलीप अग्निहोत्री
शंकर दयाल शर्मा इन्स्टिटूट ओफ़ डिमॉक्रेसी लखनऊ विश्वविद्यालय के तत्वावधान में वेबिनार का आयोजन किया गया। इसमें सूचना के अधिकार पर विचार विमर्श के साथ लोगों को इसकी जानकारी भी दी गई। इसका उद्धाघाटन लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय जी ने किया। उन्होंने कहा की सूचना का अधिकार बहुत ही आवश्यक संवैधानिक अधिकार है।
इस अधिनियम के दायरे में आने वाले संस्थानों से आमजन जानकारी मांग सकते है। यह उनका अधिकार है। इसके अलावा संस्थानअपनी सभी ऐसी जानकरियाँ जो वो सार्वजनिक कर सकता है,उसे अपने पोर्टल पर उपलब्ध करनी चाहिये। सूचना के अधिकार के विषय में ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को पता होना चाहिए।
वेबिनार में मुख्य अतिथि केंद्रीय सूचना आयुक्त सुरेश चंद्रा ने सूचना के अधिकार का महत्व बताया। कहा कि सूचना के अधिकार को जनमानस तक पहुंचना चाहिए। यह प्रत्येक नागरिक का अधिकार है। लेकिन जानकारी के अभाव में वह इसका उपयोग नहीं कर पाता।
केंद्रीय सूचना आयोग इस विषय में समय समय पर अपने आदेशों के माध्यम से इस अधिकार को जनता के लिए सुगम बना रहा है। शंकर दयाल शर्मा इन्स्टिटूट के कोऑर्डिनेटर डॉ. वरुण छाछर ने सरकारी उपकर्मों में इसकी प्रासंगिकता पर बल देने का सुझाव दिया। जिससे ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को इसका लाभ मिले।
इस अवसर पर दिल्ली विश्वविद्यालय से विशेष अतिथि के रूप में डॉ. परीक्षित सिरोही ने कहा की सूचना आम आदमी को मिलनी ही चाहिए। क्यूँकि वो उसका अधिकार है। सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित वर्ग को इसकी विशेष आवश्यकता है। इस वेबिनार में पूरे देश से सौ प्रतिभागियों ने भाग लिया। इसमें पूरे देश से प्रतिनिधित्व था। जिसमें अनेक शिक्षक, न्यायविद छात्र, सरकारी अधिकारी व कर्मचारी शामिल थे। यह जानकारी जनसम्पर्क निदेशक प्रो. दुर्गेश श्रीवास्तव ने दी।