लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने कहा है कि मदरसों को बंद करना किसी समस्या का समाधान नहीं है। मदरसों का आधुनिकीकरण होना चाहिए। मदरसों की शिक्षा को विज्ञान और कम्प्यूटर से जोड़ना पड़ेगा। मुख्यमंत्री ने यह बातें गुरुवार को यहां विधान भवन स्थित तिलक हाल में आयोजित उत्तर भारत के राज्यों के अलपसंख्यक और समाज कल्याण मंत्रियों की समन्वय बैठक के उद्घाटन सत्र को सम्बोधित करते हुए कहीं।
अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक
केन्द्रीय अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी की अध्यक्षता में हुई इस महत्वपूर्ण बैठक में केंद्र सरकार के अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के अलावा उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड, हरियाणा, बिहार, दिल्ली, पंजाब, जम्मू एवं कश्मीर, चण्डीगढ़ और हिमाचल प्रदेश से समाज कल्याण एवं अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री और इन राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नारे ‘सबका साथ-सबका विकास’ के साथ अपनी सरकार के संकल्प को दोहराते हुए कहा कि उनकी सरकार शासन की योजनाओं का लाभ प्रत्येक व्यक्ति को बिना किसी भेदभाव के पहुंचाने का काम करती रही है और आगे भी करती रहेगी।
जरूरतमंद को लाभ ना मिलना चिन्ता का विषय : मुख्यमंत्री
अल्पसंख्यकों और दलितों के लिए केन्द्र और राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ सभी पात्र और जरूरतमंद लोगों तक न पहुंच पाने पर चिन्ता जताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि स्टैण्ड अप योजना के तहत बैंक की प्रत्येक शाखा द्वारा एक महिला के साथ दो-दो लोगों का चयन करना था। इस हिसाब से 37 हजार लोगों का चयन होना चाहिए था मगर अब तक आठ सौ लोगों का चयन ही हो पाया। लोग भटकते हैं, उन्हें शासन की योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता।
अल्पसंख्यक युवाओं में प्रतिभा है, ऊर्जा है मगर उनके पास मंच नहीं है। सरकार प्रधानमंत्री स्किल डेवलपमेण्ट योजना के माध्यम से एक मंच दे रही है, मगर हम पात्र लोगों तक योजना के फायदे नहीं पहुंचा पा रहे हैं। यही वजह है कि जो गुमराह हैं उनकी ऊर्जा का लाभ हम राष्ट्र के निर्माण में नहीं ले पा रहे हैं।