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शीतलहर का बढ़ा प्रकोप, ग्रामीण क्षेत्र में नहीं जले अलाव गरीबों की बढ़ी मुश्किलें

बिधूना/औरैया। भीषण शीतलहर का प्रकोप बढ़ने से गरीबों के साथ दिहाड़ी मजदूरों की अधिक मुश्किलें बढ़ गई हैं। इसके बावजूद भी प्रशासन द्वारा ग्रामीण क्षेत्र में कहीं भी अलाव नहीं जलवाए गए हैं जिससे प्रशासन की कुंभकर्णी नींद को लेकर क्षेत्रीय बुद्धिजीवियों में भारी आक्रोश है।

इन दिनों हाड मांस कंपा देने वाली सर्दी का प्रकोप बढ़ जाने के बावजूद प्रशासन द्वारा बिधूना तहसील क्षेत्र के अछल्दा बिधूना एरवाकटरा सहार विकास खंडों की ग्राम पंचायतों से संबंधित किसी भी गांव में अलाव नहीं जलवाए गए हैं। गांवों में अलाव न जलवाए जाने से बेघर बेआसरा गरीबों के साथ ही रोज खाने कमाने वाले दिहाड़ी मजदूरों की मुश्किलें काफी बढ़ी हुई हैं।

यही नहीं सबसे गौरतलब बात तो यह है कि प्रशासन द्वारा अब तक ठंड से ठिठुरते गरीबों को ठंड से बचाने के लिए कंबल भी वितरित नहीं किए गए हैं और न ही कहीं पर अब तक गरीबों को रात गुजारने के लिए रैन बसेरे ही बने नजर आ रहे हैं। इस भीषण शीतलहर के चलते जनमानस के साथ पशु-पक्षी भी ठंड के कारण परेशान हैं।

क्षेत्रीय बुद्धिजीवियों ने शासन व जिला प्रशासन से जल्द गरीबों को भीषण ठंड से बचाने के लिए गांव में अलाव जलवा ने व गरीबों को कंबल वितरित कराने की मांग की गई है।

रिपोर्ट-अनुपमा सेंगर

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