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सुरक्षा में चूक की जबाबदेही

डॉ दिलीप अग्निहोत्री
  डॉ. दिलीप अग्निहोत्री

देश में कॉंग्रेस एक मात्र राष्ट्रीय स्तर की विपक्षी पार्टी है। लेकिन उसकी पंजाब सरकार इस भावना के अनुरूप कार्य करने में विफल रही है। उसने संविधान की भावना को भी आहत किया है। जिसके अनुरूप प्रधानमंत्री संघीय शासन का वास्तविक प्रधान होता है। यात्रा के दौरान उनकी सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी संबंधित प्रदेश सरकार की होती है। लेकिन पंजाब में प्रधानमंत्री की सुरक्षा में गंभीर लापरवाही की गई। यह सही है कि उनका मार्ग पूर्व निर्धारित नहीं था। लेकिन इससे संबंधित दो प्रश्न महत्वपूर्ण है।

पहला यह कि प्रधानमंत्री को गंतव्य तक पहुंचाने हेतु वैकल्पिक मार्ग व उसके अनुरूप व्यवस्था पर पहले विचार क्यों नहीं किया गया। दूसरा यह कि उनकी यात्रा कार्यक्रम में बदलाव की जानकारी प्रदर्शनकारियों तक कैसे पहुंची। प्रधानमंत्री को गंतव्य तक हेलीकॉप्टर से जाना था। लेकिन मौसम खराब होने के कारण हेलीकॉप्टर को उड़ान भरने का क्लियरेंस नहीं मिला। कई बार वैकिल्पक मार्ग की व्यवस्था करना अपरिहार्य हो जाता है। यहां भी यही स्थिति थी। इस समय उत्तर भारत कोहरे व खराब मौसम की चपेट में है।

ऐसे में सड़क मार्ग के विकल्प को तैयार रखना आवश्यक था। यह कोई पहली बार नहीं किया जा रहा था। ऐसी स्थिति अक्सर उतपन्न होती है। कुछ दिन पहले ही प्रधानमंत्री कानपुर आये थे। उन्हें एयरपोर्ट से हेलीकॉप्टर द्वारा आईआईटी परिसर पहुंचना था। लेकिन मौसम खराब होने के कारण हेलीकॉप्टर यात्रा संभव नहीं हुई। यहां योगी आदित्यनाथ की सरकार है। प्रशासन वैकल्पिक व्यवस्था के लिए तैयार था। प्रधानमंत्री को सड़क मार्ग से गंतव्य मार्ग तक पहुंचाने का निर्णय हुआ। बाइस किलोमीटर के इस मार्ग पर तुरंत सुरक्षा नियमों के अनुरूप प्रधानमंत्री की यात्रा सम्पन्न हुई। लेकिन पंजाब में कॉंग्रेस की सरकार है। ऐसा लगा कि यहां का प्रशासन पूरी तरह लचर है।

यही कारण है कि प्रधानमंत्री के हेलीकॉप्टर की जगह सड़क मार्ग से जाने की जानकारी प्रदर्शनकारियों तक पहुंच गई। प्रधानमंत्री का काफिला फ्लाईओवर के जाम में फंस गया। यहां आगे बढ़ना संभव नहीं था। पीछे लौटने की गुंजाइश नहीं थी। यह बेहद अप्रिय स्थिति थी। यह स्थिति अराजक तत्वों के अनुकूल हो सकती है। जगजाहिर है कि किसान के आंदोलन के दौरान यहां किस प्रकार के पोस्टर बैनर लहराए गए थे। ऐसा करने वालों को कनाडा व पाकिस्तान का समर्थन मिला था। उस घटना को ज्यादा दिन नहीं हुए। ऐसे में इस प्रान्त में अत्यधिक सावधानी की आवश्यकता थी। लेकिन इन तैयारियों की कलाई खुल गई। सच्चाई यह कि पंजाब की सरकार पूरी तरह लापरवाह है। सरकार व संगठन आपसी उठा पटक में व्यस्त है। प्रशासन को दुरुस्त रखने का उसके पास समय नहीं है। मुख्यमंत्री व प्रदेश कॉंग्रेस अध्यक्ष ने एक दूसरे के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। प्रधानमंत्री की सुरक्षा में चूक पर राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति ने गंभीर चिंता व्यक्त की है। पंजाब में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग भी उठने लगी है।

प्रधानमंत्री ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पंजाब में उनके काफिले में हुई सुरक्षा चूक का पूरा ब्यौरा दिया। राष्ट्रपति ने इस मामले पर चिंता जताई। उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने भी प्रधानमंत्री मोदी को फोन किया।लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने इस घटना पर चिंता जताते हुये कहा, “लोक सभा में सदन के नेता प्रधानमंत्री की सुरक्षा के विशिष्ट प्रोटोकॉल हैं। जिसका पूरा पालन होना चाहिए। उनकी यात्राओं के दौरान सभी स्तरों पर मानकों के अनुरूप व्यापक व्यवस्थाएं किया जाना आवश्यक है। केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में भी इस घटना पर चिंता जताई गई। पंजाब भाजपा के अध्यक्ष अश्वनी शर्मा ने राज्य सरकार और कांग्रेस पर पूरी घटना की साजिश रचने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इसकी साजिश पंजाब के साथ साथ दिल्ली में रची गई। उनका इशारा कांग्रेस नेतृत्व की ओर था। बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सुरक्षा में चूक अति चिन्तनीय है। इस घटना को पूरी गंभीरता से लेकर इसकी उच्च-स्तरीय निष्पक्ष जांच जरूरी है। ताकि इसके लिए दोषियों को उचित सजा मिल सके। आगे फिर ऐसी घटना की पुनरावृति न हो।

पंजाब और अन्य राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर इस घटना को लेकर जो राजनीतिक खींचतान, आरोप-प्रत्यारोप व राजनीति की जा रही है वह भी उचित नहीं है।पूर्व मुख्यमंत्री व पंजाब लोक कांग्रेस के अध्यक्ष कैप्टन अमरिंदर सिंह ने प्रेस कांफ्रेंस कर पंजाब में राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग की है। चन्नी सरकार राज्य में कानून व्यवस्था सुनिश्चित करने में पूरी तरह विफल रही है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पंजाब सरकार से पूरे मामले पर विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। प्रधानमंत्री का बुधवार को पंजाब के फिरोजपुर में 42,750 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न विकास परियोजनाओं की आधारशिला रखने का कार्यक्रम निर्धारित था। पंजाब में एक बड़ी सुरक्षा चूक के कारण प्रधानमंत्री का काफिला प्रदर्शनकारियों की नाकेबंदी के कारण एक फ्लाईओवर पर करीब बीस मिनट तक फंसा रहा था। इसके चलते उन्हें फिरोजपुर में रैली और शहीद स्मारक पर जाने सहित किसी भी कार्यक्रम में शामिल हुए बिना पंजाब से लौटना पड़ा था। कांग्रेस जिस प्रकार इस घटना का बचाव कर रही है,उससे भी उसकी फजीहत हो रही है।

कांग्रेस नेता कह रहे है कि भाजपा के भीड़ नहीं जुटा पाने के कारण प्रधानमंत्री ने अपनी रैली कैंसिल की है। पार्टी प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि भीड़ न जुटा पाने के कारण बहाना बनाकर कांग्रेस की सरकार पर दोष मढ़ा जा रहा है। कांग्रेस का यह बयान शर्मनाक है। यह नहीं बताया गया कि प्रधानमंत्री के रूट पर जाम कैसे लग गया। प्रदर्शनकारी कैसे आ गए। फिर बठिंडा से फिरोजपुर जाने के क्रम में प्रधान मंत्री की सुरक्षा में हुई चूक मामले में फिरोजपुर के एसएसपी को निलंबित क्यों किया गया। चन्नी कह रहे है कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा को कोई खतरा नहीं था। प्रदर्शनकारी अचानक उनके काफिले के सामने आ गए। उनसे किसी प्रकार का खतरा नहीं था। मतलब काफिले के सामने एक दम किसी के आने या जाम लगने से सुरक्षा को कोई खतरा नहीं होता। आश्चर्य है कि एक मुख्यमंत्री ऐसा बयान भी दे सकता है।

प्रधानमंत्री सुबह बठिंडा पहुंचे थे। वहां से उन्हें हेलीकॉप्टर से हुसैनीवाला स्थित राष्ट्रीय शहीद स्मारक के लिए उड़ान भरनी थी। बारिश और खराब दृश्यता के कारण प्रधानमंत्री ने करीब बीस मिनट तक मौसम साफ होने का इंतजार किया। इसके बाद तय हुआ कि वे सड़क मार्ग से फिरोजपुर जाएंगे। पंजाब के डीजीपी ने जरूरी सुरक्षा इंतजाम की पुष्टि की थी। इसके बाद वह रवाना हुए। प्रधानमंत्री का काफिला हुसैनीवाला स्थित राष्ट्रीय शहीद स्मारक से करीब तीस किलोमीटर पहले फ्लाईओवर पर पहुंचा तो वहां कुछ प्रदर्शनकारियों ने सड़क पर जाम लगा रखा था।

इसके बाद बठिंडा हवाई अड्डा लौटने का फैसला किया गया। बठिंडा एयरपोर्ट पर सुरक्षित लौटने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने वहां मौजूद अफसरों से कहा कि सीएम चन्नी को धन्यवाद कहना कि वह एयरपोर्ट तक जिंदा लौट आए हैं। जाहिर है कि पंजाब के पुलिस महानिदेशक ने प्रधानमंत्री के सुरक्षा दस्ते को गलत जानकारी दी थी। इसके बाद ही प्रधानमंत्री का काफिला आगे बढ़ा था। उनके इस कृत्य की जबाबदेही तय होनी चाहिए।

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