यूक्रेन के वॉर जोन में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए ऑपरेशन चलाया जाएगा. पड़ोसी देशों में जमीन के रास्ते भारतीय नागरिकों के पहुंचने के बाद विशेष उड़ानें चलाई जाएंगी. केंद्र सरकार ही सभी भारतीयों को वापस लाने वाली उड़ानों का खर्च उठाएगी. पीएम नरेंद्र मोदी की अगुआई वाली सीसीएस बैठक में यह फैसला लिया गया.
इससे पहले विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने बताया कि यूक्रेन से छात्रों की वापसी का प्लान तैयार है. उन्होंने बताया कि अगर यूक्रेन से पोलैंड सड़क मार्ग से जाना हो तो 9 घंटे का रास्ता है और विएना के लिए 12 घंटे का रास्ता है, वो रास्ता भी मैप आउट हो गया है.
भारतीय छात्रों को यूक्रेन से सटे 4 देशों से बाहर निकाला जाएगा. ये देश हैं-हंगरी, रोमानिया, स्लोवाक रिपब्लिक और पोलैंड. भारतीय दूतावास ने इन देशों की सीमा पर कैंप लगा दिए हैं.
रूस ने यूक्रेन पर हमला बोला तो भारत से मेडिकल की पढ़ाई करने गए भारतीय छात्रों की जिंदगी खतरे में पड़ गई. हालात बिगड़ने लगे तो परिजनों का हाल बेहाल हो गया और वहां पर फंसे भारतीय छात्र भी अपना हौसला खोने लगे.