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शरीर को चुस्त-दुरुस्त बनाने के साथ रिलैक्सैशन बढ़ाएगी मसाज

मसाज चिकित्सीय रूप से फायदेमंद है क्योंकि यह रिलैक्सैशन को बढ़ाता है और पॉश्चर में सुधार करता है. ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाता है और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित भी करता है. मसाज के जरिए विषाक्त पदार्थों का सफाया हो जाता है और इससे मांसपेशियां भी लचीली बनती हैं. मसाज से नींद न आने की समस्या भी दूर होती है, लेकिन इन लाभों के अलावा मसाज कराने का सबसे महत्वपूर्ण स्वास्थ्य लाभ यह है कि यह तनाव और थकान में राहत देता है.

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मसाज कराने से शरीर में एंडोर्फिन नाम का हार्मोन निकलता है, जिससे व्यक्ति खुश और ऊर्जा से भरपूर महसूस करता है. खेल में आई चोट या सर्जरी के बाद शरीर को फिर से चुस्त-दुरुस्त बनाने के लिए इसे मसाज से ठीक किया जा सकता है. इस तरह के मसाज केवल प्रोफेशनल थेरेपिस्ट ही कर सकते हैं.

 

मसाज कई तरह के होते हैं जो दर्द और तनाव को ठीक करने के लिए शरीर के विभिन्न हिस्सों पर फोकस करते हैं. मसाज में हेयर मसाज, हेड मसाज, बॉडी मसाज, पैरों की मसाज और फेस मसाज शामिल है. हालांकि अगर पूरी तरह से रिलैक्स होना चाहते हैं तो बॉडी मसाज बेहतर ऑप्शन है. इसमें चेहरे, पैर, हाथ, कमर आदि की मसाज शामिल होती है.

स्वीडिश मसाज पूरे शरीर का मसाज है और यह उन लोगों के लिए परफेक्ट है जो मसाज के लिए नए हैं या यदि तनाव से गुजर रहे हैं या स्पर्श के लिए संवेदनशील हैं. इस तरह का मसाज मांसपेशियों की गांठों को रिलैक्स करने में मदद करता है और जब रिलैक्सैशन की तलाश में हों तो यह एक बहुत अच्छा विकल्प है. आमतौर पर स्वीडिश मसाज लगभग 60 से 90 मिनट तक चलता है.

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