कानपुर के चर्चित बिकरू कांड मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को जांच समिति की रिपोर्ट पर उचित कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।सुप्रीम कोर्ट ने जस्टिस (सेवानिवृत्त) बी एस चौहान पैनल की रिपोर्ट को सार्वजनिक डोमेन में डालने और अपनी वेबसाइट पर अपलोड करने का आदेश दिया।
साथ ही शीर्ष अदालत ने यूपी पुलिसकर्मियों की हत्या,गैंगस्टर विकास दुबे और पांच अन्य की एनकाउंटर में हुई हत्या से संबंधित याचिकाओं को बंद करने के निर्देश दिए।उच्चतम न्यायालय ने न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) बी एस चौहान समिति की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने और उसे अपनी वेबसाइट पर अपलोड करने का आदेश दिया।
बता दें कि कानपुर के बिकरू गांव में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या के आरोपी विकास दुबे का यूपी पुलिस ने एनकाउंटर किया था। एक-एक पुलिसकर्मी को दर्जनों गोलियां मारी थीं। पुलिस और एसटीएफ ने मिलकर आठ दिन के भीतर विकास दुबे समेत छह बदमाशों को एनकाउंटर में मार गिराया था। इस मामले में 54 आरोपी अभी भी जेल में बंद हैं।
तत्कालीन चौबेपुर एसओ विनय तिवारी सहित, भीटी प्रधान जिलेदार यादव सहित कई लोग गैंगेस्टर का साथ देने में जेल की हवा खा रहे हैं। इस रिपोर्ट को पिछले साल यूपी विधानसभा में पेश किया गया था।
रिपोर्ट को हरी झंडी मिलने के बाद आयोग की रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में पेश की गई। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को आयोग की सिफारिशों पर उचित कार्रावई करने के लिए योगी सरकार को निर्देशित किया है।