Breaking News

जाने रक्षाबंधन का महत्व

किसी प्रान्त या देश के त्यौहार उसके पौराणिक परंपराओं की समृद्ध विरासत को पोषित करता है। सैद्धांतिक रूप से रक्षाबंधन जैविक भाई बहनों के बीच एक अनुष्ठान है। हिंदू परंपरा के अनुसार रक्षा का तालुक अधर्मी शक्तियों से धार्मिक शक्तियों के संरक्षण से है।

रक्षाबंधन की पौराणिक कथाएं

महाभारत काल के दौरान पंच पांडवों में सबसे बड़े युधिष्ठिर ने श्रीकृष्ण से पूछा कि आने वाले दिनों में बुराइयों और आपदाओं के खिलाफ मानव खुद को कैसे बचा सकते हैं। तब कृष्ण ने उन्हें रक्षा समारोह का पालन करने की सलाह दी।

एक बार दैत्यों के राजा ने स्वर्ग के राजा इंद्र को युद्ध के लिए ललकारा। लंबी लड़ाई में एक समय आया जब दैत्य-राजा, इंद्र से युद्ध में बेहतर साबित हुआ और इंद्र को जंगल में ला पटका। इंद्र ने भगवान गुरु बृहस्पति से अपनी रक्षा की भीख मांगी। तब गुरु बृहस्पति ने इंद्र को अपने समय को बांध लेने, खुद को तैयार करने और फिर शक्तिशाली राक्षस को युद्ध में चित्त करने की सलाह दी। उन्होंने यह भी संकेत दिया कि आगे बढ़ने के लिए शुभ क्षण श्रावण पूर्णिमा था। उस दिन इंद्र की पत्नी शची देवी ने इंद्र के दाहिने कलाई में राखी बाँधी थी। जिसके बाद इंद्र ने दैत्य-राजा को पराजित किया और अपनी संप्रभुता को फिर से स्थापित किया।

पोरस को राखी बांध, पति के जीवन की रक्षा

कुछ ऐतिहासिक घटनाएं ऐसी भी हैं जहाँ अनजान महिलाओं ने अनजान पुरुषों को राखी बाँधी। एक घटना के अनुसार अलेक्जेंडर की पत्नी ने अपने शक्तिशाली हिंदू विरोधी पोरस के हाथ पर राखी बांधकर अपने पति के जीवन की रक्षा का आश्वासन मांगा। एक सच्चा पारंपरिक क्षत्रिय (जो बहादुर योद्धा वर्ग से संबंधित थे) होने के कारण पोरस ने अलेक्जेंडर पर प्राणघातक करते वक्त जब हाथ उठाया तो हाथ में बंधी राखी को देख हमला रोक दिया था।

मुग़ल सम्राट हुमायूं

राजस्थान राज्य की एक राजपूत-राजकुमारी की कहानी के अनुसार यह प्रचलित है कि उन्होंने गुजरात सुल्तान के हमले से अपना सम्मान बचाने के लिए मुगल सम्राट हुमायूं को राखी भेजी। सम्राट जब बंगाल से वापस लौटे तो अपनी राखी-बहन के बचाव के लिए राजस्थान की ओर चल दिए। लेकिन, सम्राट के पहुंचने तक राज्य पहले से ही आक्रमणकारियों द्वारा नष्ट कर दिया गया था। राजकुमारी ने तब तक ‘जौहर’ कर लिया था।

आज के युग में राखी एक बहन या दूसरी तरफ से मिलने वाले व्यक्ति की सामाजिक मान्यता बन गई है। रक्षा बंधन जैविक तथ्य को छोड़कर, हर सम्मान में बहन या भाई की भावना बन गई है। सेवा और बलिदान की सच्ची भावना के साथ देशभर में मनाया जाने वाला रक्षाबंधन का यह पवित्र त्यौहार आज भाई-बहन ही नहीं समाज के प्रत्येक रिश्तों की रक्षा का सूत्र बन गया है।

रवि गोकुल

About Samar Saleel

Check Also

जानकीपुरम में 28 अप्रैल से श्री रामकथा अमृत महोत्सव

लखनऊ। श्री राम कथा आयोजन समिति (Shri Ram Katha Organizing Committee) के तत्वाधान में आगामी ...